Indian Jailed in US: अमेरिका में भारतीय को सजा, जानें जज ने किस मामले में दिए करोड़ों के हर्जाने के आदेश?
US Crime News: अमेरिका में 29 वर्षीय भारतीय नागरिक आशीष बजाज को बुजुर्गों से करोड़ों की ठगी का दोषी ठहराया गया. उसके बाद उसे कई साल जेल की सजा सुनाई गई है. 2.4 मिलियन डॉलर मुआवजा भी देना होगा.
Indian Arrested in US: अमेरिका में एक भारतीय नागरिक को 33 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. अदालत ने उसे करोड़ों का मुआवजा देने का ऑर्डर भी दिया है. उस शख्स पर बुजुर्गों से ठगी के आरोप थे, इस मामले में उसे पिछले साल अगस्त में नेवार्क संघीय अदालत ने दोषी ठहराया था.
वीओ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सजा पाने वाले शख्स का नाम आशीष बजाज है. अमेरिका की नेवार्क संघीय अदालत में जिला न्यायाधीश केविन मैकनेकल के समक्ष दायर मामले में आशीष के खिलाफ कई तरह के दस्तावेजों को पेश किया गया था और बहुत-से बुजुर्गों के बयान लिए थे. आशीष पर आरोप लगाए गए कि उसने अमेरिका के वरिष्ठ नागरिकों को धोखा दिया, उनसे मोटी रकम ऐंठी. जिसके बाद न्यायाधीश ने अब आशीष को पीड़ित बुजुर्गों के लिए 2.4 मिलियन डॉलर, यानी करीब पौने 20 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक की थी ठगी
अदालत में पेश दस्तावेजों और बयानों के अनुसार, अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक, आशीष और उसके सहयोगियों ने विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और ऑनलाइन भुगतान कंपनियों के धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञों का भ्रमित करके बुजुर्ग पीड़ितों को शिकार बनाया.
उन लोगों ने बुजुर्गों से संपर्क किया और उन्हें यह कहकर अपने जाल में फंसाया कि वे प्रतिष्ठित कंपनियों द्वारा नियोजित धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञ हैं और बैंकों, ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं, या ऑनलाइन भुगतान कंपनियों के उनके खातों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए काम कर रहे हैं.
उन्होंने अपने एक कथित स्टिंग ऑपरेशन के कुछ दिनों के भीतर बुजुर्गों के पैसे वापस करने का झूठा वादा किया. उनसे कहा कि एक बार जब वे पैसे भेज देंगे, तो स्टिंग ऑपरेशन के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी होगी.
पीड़ितों को हुआ लाखों डॉलर का नुकसान
आशीष और उसके सहयोगियों ने इसी तरह बहुत-से लोगों को झांसे में लिया. उनके झांसे में आकर लोगों ने भारत, चीन, सिंगापुर और यूएई में स्थित विभिन्न बैंकों को अंतर्राष्ट्रीय वायर ट्रांसफर भेजे. इसके अलावा अमेरिका में भी बैंक अकाउंट्स में पेमेंट किया गया. बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ. बताया जाता है कि पीडितों को 250,000 डॉलर से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा.
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