जिसने आंख मिलाना सिखाया उसे ही दिखा रहे तीखे तेवर, चीन से लौटकर मुइज्जू के भारत के खिलाफ आक्रामक रुख की क्या हैं वजहें
India Maldives Row: भारत ने मालदीव को समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य आपात जैसी समस्याओं से निपटने के लिए ट्रेनिंग दी लेकिन अब मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत के खिलाफ ही बयान देना शुरू कर दिया है.
India Maldives Tension: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू का रुख अचानक बदल गया है. चीन जाने से पहले मुइज्जू और उनकी सरकार बैकफुट पर थी, लेकिन जैसे ही वह चीन से लौटे हैं उनके सुर बदल गए हैं. चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने भारत का नाम लिए बगैर कहा, हम बेशक छोटे देश हैं लेकिन इस वजह से किसी को हमें धौंस दिखाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता हैं.
उन्होंने कहा, "हम किसी की शह पाकर रहने वाले देश नहीं हैं. हम एक आजाद और संप्रभु मुल्क हैं." इस बयान के एक रोज बाद ही भारत और मालदीव की उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की बैठक हुई जिसमें मालदीव ने भारत से अपने सैनिकों को हटा लेने की बात कही हैं. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में सैनिकों की वापसी की अंतिम तारीख की बात नहीं है लेकिन मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 15 मार्च तक सैनिकों को वापस भारत भेजा जाएगा. मालदीव ने यहां तक कहा है कि भारतीय सैनिक वापसी के लिए तैयार हैं जबकि भारत सरकार की ओर से ऐसी कोई जानकारी नहीं है.
चीन से लौटने पर मुइज्जू ने क्या कहा?
मालदीव में अब तक किसी तरह की हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति में मरीज को भारत भेजा जाता था, लेकिन चीन से लौटने के बाद मुइज्जू ने इस रवायत को बदल दी है. उन्होंने कहा कि अब ऐसे मरीज संयुक्त राज्य अमीरात या फिर मलेशिया जाएंगे. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि पांच दिन पहले मालदीव के राष्ट्रपति के बयान और चीन से लौटने के बाद इतना अतंर क्यों है? क्यों वह एक ऐसे देश के खिलाफ बोल रहे हैं जिसने उसे आत्मरक्षा का पाठ पढ़ाया?
मोहम्मद मुइज्जू काफी वक्त से भारत विरोधी अभियान चला रहे थे. उन्होंने चुनाव के दौरान 'इंडिया आउट' का नारा भी दिया था. हालांकि राष्ट्रपति बनने के बाद जब लक्षद्वीप-मालदीव का विवाद हुआ तब उन्होंने भारत से किसी तरह की नाराजगी मोल लेने से बचते दिखे थे. इस वजह से ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था.
रुख में बदलाव की वजह?
मोहम्मद मुइज्जू के पांच दिवसीय चीन यात्रा पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की. इस दौरान मालदीव को चीन की ओर से 13 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मदद का वादा किया गया है. मालदीव की एयरलाइन अब चीन में घरेलू उड़ाने भर सकेंगी. हुलहुमाले में भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चीन ने पांच करोड़ अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है. इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए भी चीन एक 100 बेड के अस्पताल के लिए अनुदान देगी. इसके बाद ये मुमकिन है मालदीव को आत्नविश्वास आ गया और उन्होंने भारत को ओर इशारा करते हुए ऐसा बयान दिया.
ये भी पढ़ें:
चीन से लौटे मोहम्मद मुइज्जू ने फिर दिखाया तेवर, भारत से बोले- 15 मार्च तक हटाएं सेना