क्रिप्टोकरंसी (आभासी मुद्रा) एवं कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में कार्यरत भारतीय मूल के 31 वर्षीय गणितज्ञ का शव यहां हडसन नदी में बहता मिला. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि गणितज्ञ शुव्रो बिस्वास संभवत: मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे.
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने बताया कि शुव्रो का शव नदी में मिला. पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुव्रो की मौत के पीछे किसी प्रकार का षड्यंत्र होने का तत्काल कोई सबूत नहीं मिला है. शुव्रो के भाई बिप्रोजीत बिस्वास (34) ने बताया कि वह और उनका परिवार इस खबर से बहुत दु:खी हैं.
बिप्रोजीत ने बताया कि शुव्रो मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे और उनके परिवार ने इससे उबरने में उनकी मदद करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. बिप्रोजीत के हवाले से समाचार पत्र ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह टूट गए हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह बहुत अच्छा इंसान था.’’
बिप्रोजीत ने बताया कि उनका भाई क्रिप्टोकरंसी सुरक्षा कार्यक्रम पर काम कर रहा था. ऑनलाइन उपलब्ध प्रोफाइल के अनुसार शुव्रो ने कृत्रिम मेधा के क्षेत्र में भी काम किया था.
बिप्रोजीत ने बताया कि परिवार को पिछले एक साल से शुव्रो के व्यवहार में बदलाव नजर आने लगा था, लेकिन वह अपनी बातें अकसर किसी के साथ साझा नहीं करते थे. शुव्रो के परिवार ने उससे किसी से अपने मन की बात साझा करने की अपील की थी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उसे पेशेवर मदद लेने के लिए मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह हमेशा इस बात से इनकार कर देता था कि उसे किसी मनोचिकित्सक की मदद की आवश्यकता है.’’
रिपोर्ट के अनुसार, शुव्रो के अपार्टमेंट के प्रबंधन ने आग लगाने, खुलेआम चाकू दिखाकर डराने और लिफ्ट में खून के धब्बे लगाने समेत कथित अजीबो-गरीब कृत्यों के कारण उन्हें इमारत से निकाले जाने का अनुरोध करते हुए मैनहट्टन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. शहर के चिकित्सकीय जांच अधिकारी शुव्रो की मौत के कारण का पता लगाएंगे.