Indian Plane in France: फ्रांस में हाल ही में भारतीयों से भरे हुए विमान को मानव तस्करी के संदेह में रोक लिया गया. विमान में सवार कुछ यात्री तो वहीं रुक गए, मगर ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया. भारत लौटने वाले यात्रियों में 65 गुजरात के रहने वाले हैं. वहीं, जब गुजरात क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने इनमें से 21 यात्रियों से पूछताछ की तो वे जांच एजेंसी को ये तक नहीं बता पाए कि आखिर वे लोग प्लेन में क्यों सवार थे. 


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीआईडी ने निकारगुआ जा रही लेजेंड एयरलाइंस में सवार 21 यात्रियों के बयान रिकॉर्ड किए हैं. इनमें से कई ये तक नहीं बता पाए कि वे चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए कहां जा रहे थे और वे इसकी सवारी क्यों कर रहे थे. विमान में ज्यादातर यात्री अकेले सफर कर रहे थे और नाबालिग थे. इस विमान को जब फ्रांस में रोका गया, तो काफी विवाद भी हुआ था. हालांकि, जल्द ही इन्हें दूसरे विमान के जरिए मुंबई रवाना कर दिया गया. 


विमान में कितने लोग सवार थे? 


विमान में कुल मिलाकर 303 लोग सवार थे, जिसमें से 276 यात्रियों को वापस लौटा दिया गया. निकारगुआ जा रही फ्लाइट में दो तिहाई-यात्री पंजाब से थे, जबकि 25 फीसदी यात्री गुजरात के रहने वाले थे. विमान में सवार गुजरातियों की संख्या 65 थी. फ्रांस से ये सभी लोग 26 दिसंबर को मुंबई पहुंचे, जिसके बाद बुधवार को 21 यात्री गुजरात लौट आए. वहीं, फ्रांस में रुकना वाले यात्रियों की संख्या 27 है, जिसमें से दो नाबालिग भी हैं. उन्होंने फ्रांस में शरण मांगी है. 


सीआईडी के सवालों का नहीं दे पाए जवाब


सीआईडी अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर यात्रियों ने दावा किया है कि वे पर्यटक के तौर पर निकारगुआ जा रहे थे. एक अधिकारी ने कहा, 'यात्रियों ने बताया कि वे घूमने वाली जगहों को देखने के लिए निकारगुआ जा रहे थे. उनके पास वीजा ऑन अराइवल हासिल करने के लिए वैलिड दस्तावेज थे, जबकि कुछ के पास टूरिस्ट वीजा था. हालांकि, वे ये नहीं बता पाए कि आखिर उन्होंने निकारगुआ की यात्रा के लिए चार्टर्ड फ्लाइट क्यों ली थी.'


अधिकारी ने बताया, 'इस संदिग्ध विमान में ज्यादातर यात्रा करने वाले लोग अकेले सफर कर रहे थे और कई सारे ऐसे नाबालिग थे, जिनके साथ कोई नहीं था. उनके पास इस सवाल का जवाब भी नहीं था कि आखिर उन्होंने एजेंट्स को सफर के लिए मोटी रकम क्यों दी थी.' अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों ने कम से कम दो स्थानीय एजेंटों का नाम लिया है, जिन्होंने उन्हें मेक्सिको के रास्ते अमेरिका ले जाने के लिए प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये और उससे ज्यादा पैसे लिए हैं. 


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