कुलभूषण जाधव को मिला कॉन्सुलर एक्सेस, भारतीय राजनयिक ने की पाकिस्तान में मुलाकात
पाकिस्तान ने शनिवार को कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की पेशकश की थी जिसके बाद आज भारतीय अधिकारी गौरव अहलूवालिया ने जाधव से इस्लामाबाद में मुलाकात की.
नई दिल्ली: इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी गौरव अहलूवालिया की आज कुलभूषण जाधव से मुलाकात हो गई है. आईसीजे ने पाकिस्तान को आदेश दिया था कि उसे कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस मुहैया कराना होगा जिसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिक को मिलने की अनुमति दी थी. हालांकि इसके बाद भारत की ओर से बयान भी आ गया है कि मुलाकात के दौरान कुलभूषण जाधव दबाव में दिख रहे थे.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पाक मीडिया के हवाले से कहा है पाकिस्तान द्वारा राजनयिक पहुंच की अनुमति दिए जाने के बाद इस्लामाबाद में वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने कुलभूषण जाधव से मुलाकात की. इस मुलाकात से ठीक पहले भारत ने कहा था कि हम पाकिस्तान के प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं.
सूत्र ने कहा था, ''भारत उम्मीद करता है कि पाकिस्तान उचित माहौल सुनिश्चित करेगा, ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष और सार्थक मुलाकात हो सके और यह आईसीजे (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय) के आदेशों को ध्यान में रखते हुए हो.''
रविवार को पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने की पेशकश की थी. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘‘ भारतीय जासूस कमांडर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच सोमवार (दो सितम्बर, 2019) को उपलब्ध कराई जायेगी. ’’
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी को पाकिस्तान ने 2016 में पकड़ा था. पाकिस्तान का दावा है कि कुलभूषण जाधव बलूचिस्तान में जासूसी करते हुए पकड़ा गया. वहीं भारत पाकिस्तान के दावों को नकारता है. भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने जाधव को इरान से अगवा किया था.
49 वर्षीय जाधव को ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी. भारत इसके खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट (आईसीजे) गया और फांसी की सजा पर रोक और काउंसल एक्सेस जैसी सुविधाएं मुहैया कराए जाने की मांग की.
आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था.