COVID-19 Fraud: अमेरिका में 14 लोगों पर कोरोना काल में कथित तौर पर गलत तरीके से लोन लेने का आरोप है, आरोपियों में ज्यादातर भारतीय मूल के हैं. आरोप है कि इन लोगों ने कोविड राहत कार्यक्रम के तहत कुल 53 करोड़ डॉलर का लोन लिया. 


टेक्सास के उत्तरी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ने बताया कि आरोपियों को पिछले सप्ताह टेक्सास, कैलिफोर्निया और ओक्लाहोमा में महामारी प्रतिक्रिया जवाबदेही समिति (पीआरएसी) धोखाधड़ी टास्क फोर्स द्वारा गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि इन 14 लोगों ने पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम (पीपीपी) के तहत विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ 53 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की है. बता दें कि पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू किया गया एक वित्तीय कार्यक्रम है. 


घाव पर नमक छिड़कने जैसा काम 


टेक्सास के उत्तरी जिले के लिए अमेरिकी अटॉर्नी, लीघा सिमोंटन ने आरोपों की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा कि सरकार को धोखा देना अमेरिकी करदाताओं का अपमान है. एक महामारी के दौरान जब लाखों लोग जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे, ऐसे समय में सरकार को धोखा देना घाव पर नमक छिड़कने जैसा है. 


रिपोर्ट के अनुसार, इस ग्रुप में शामिल लोगों ने पेचेक प्रोटेक्शन प्रोग्राम से दसियों मिलियन डॉलर की चोरी करने की साजिश रची. ऐसे में इन 14 आरोपियों पर बैंक धोखाधड़ी, झूठे बयानबाजी, मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश रचने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए. आरोपियों ने कथित तौर पर फर्जी पीपीपी ऋण आवेदन प्रस्तुत किए, बैंक विवरणों और कर फॉर्मों में हेरफेर करके पेरोल खर्चों को बढ़ाया. इतना ही नहीं, उन्होंने कई बैंक खातों के माध्यम से ऋण राशि भेजकर पेरोल खर्चों का झूठा कागजी दिखाया .


30 साल तक की हो सकती है जेल 


जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं उनमें सनशाइन रीसाइक्लिंग के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मिहिर पटेल, साथ ही मैमथ ग्रुप, आर.ए. इंडस्ट्री के मालिक समेत कर्मचारी शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अगर इन आरोपियों को दोषी ठहराया जाता है तो इन्हें गंभीर सजा भुगतनी पड़ सकती है. इन्हें बैंक धोखाधड़ी मामले में संघीय जेल में 30 साल तक की सजा, वायर धोखाधड़ी के लिए 20 साल और मनी लॉन्ड्रिंग की साजिश के लिए 10 साल की सजा का सामना करना पड़ता है. 


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