स्कॉटलैंड में प्रैक्टिस करने वाले भारतीय मूल के 72 वर्षीय एक डॉक्टर को 35 सालों तक 48 महिला मरीजों के साथ यौन उत्पीड़न करने का गुरुवार को दोषी पाया गया. जनरल प्रैक्टिशनर कृष्णा सिंह पर किस करने, शरीर के अंगों को टटोलने, अनुचित जांच करने और गंदी बातें करने के आरोप हैं. हालांकि, उसने ग्लासगो हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इन आरोपों से इनकार किया.


अभियोजक एंजेला ग्रे ने अदालत से कहा, ‘‘डॉ कृष्णा सिंह नियमित रूप से महिलाओं का यौन उत्पीड़न करता था. " मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने सजा सुनाया जाना अगले महीने तक के लिए टाल दिया है. इसके साथ ही कृष्णा सिंह को अपना पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर जमानत पर रिहा करने की अनुमति दे दी है.


बता दें कि कृष्णा सिंह को कम्यूनिटी के एक सम्मानित डॉक्टर के रूप में देखा जाता था, यहां तक ​​कि चिकित्सा सेवाओं में उनके योगदान के लिए उन्हें रॉयल मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (एमबीई) सम्मान से भी सम्मानित किया गया था. 2018 में एक महिला द्वारा उसकी रिपोर्ट किए जाने के बाद उसके आचरण की जांच शुरू की गई थी.


फिलहाल डॉक्टर कृष्णा सिंह को 54 आरोपों में पीड़ितों ने दोषी ठहराया है, जिनमें मुख्य रूप से कई यौन और अश्लील हरकतें शामिल हैं. वहीं उन पर लगे नौ अन्य आरोप सिद्ध नहीं हुए और दो अन्य आरोपों में उन्हें दोषी नहीं पाया गया है. फिलहाल मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने कृष्णा सिंह को थोड़ी राहत देते हुए सजा को अगले महीने तक के लिए टाल दिया है. इसके साथ ही पासपोर्ट जमा करने देश नहीं छोड़ने की कोशिश किए जाने की शर्त पर उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है.


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