मोहम्मद हसनैन और इशाक अमीर की कहानी: अवैध रूप पाकिस्तान में घुसे दो भारतीय, कराची पुलिस बोली- 'ये जासूस नहीं, पीड़ित हैं'
Pakistan: कराची पुलिस उप महानिरीक्षक असद रजा ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि वे (बाप-बेटे) पाकिस्तान में शरण लेना चाहते हैं.
Pakistan Karachi Indian Father-Son Duo: पिछले सप्ताह अवैध रूप से कराची की यात्रा करने वाले दो भारतीय नागरिकों ने मंगलवार (26 सितंबर) को कहा कि वे जेल जाने के लिए तैयार हैं लेकिन अपने देश वापस नहीं लौटना चाहते. कराची पुलिस ने दावा किया है कि मोहम्मद हसनैन और इशाक अमीर भारत में कथित धार्मिक उत्पीड़न के कारण अपनी जान को खतरा होने पर शरण लेने के लिए पाक-अफगानिस्तान सीमा के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुए थे. इसके बाद उन्होंने कराची जाने का रास्ता ढूंढ लिया.
कराची पुलिस उप महानिरीक्षक असद रजा ने पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन को बताया कि पिता-पुत्र की जोड़ी पर जासूस होने का संदेह नहीं था. हालांकि,वो भारत में धार्मिक उत्पीड़न शिकार माना गया.पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों भारतीय नागरिकों को अस्थायी रूप से ईधी शेल्टर होम में रखा गया है.
'पाकिस्तान में शरण लेना चाहते हैं'
कराची पुलिस उप महानिरीक्षक असद रजा ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि वे (बाप-बेटे) पाकिस्तान में शरण लेना चाहते हैं. आर्टिलरी ग्राउंड पुलिस स्टेशन ने आज अलग से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों लोगों ने भारत में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ रविवार (25 सितंबर) को कराची प्रेस क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
पुलिस के बयान में उनके हवाले से कहा गया, "हम जेल जाने को तैयार हैं लेकिन भारत वापस नहीं. अगर हमें निर्वासित किया गया तो हम भारतीय भूमि पर कदम रखते ही मारे जाएंगे".
भारतीय दस्तावेज़ ईधी स्टाफ के पास
पिता-पुत्र की जोड़ी के हवाले से कहा गया कि वे सिंध पुलिस प्रमुख के कार्यालय गए थे लेकिन उनकी परेशानियों का समाधान नहीं किया गया. इसके बाद उन्हें चार दिनों के लिए ईधी शेल्टर होम में रखा गया. उन्हें आज कहीं और ट्रांसफर कर दिया जाएगा. उ
नके सारे आधिकारिक भारतीय दस्तावेज़ ईधी स्टाफ के पास हैं. पुलिस के बयान में कहा गया कि भारतीय नागरिकों ने पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले नई दिल्ली के गौतमपुरी इलाके में स्थित अपने घर से 14 दिनों की यात्रा पूरी की.
बाप-बेटे ने सुनाई आपबीती
कराची पुलिस ने बाप-बेटे से पाकिस्तान आने के लिए बनाए गए प्लान के बारे में पूछा. इस पर पिता ने बताया कि वो और उनका बेटा 5 सितंबर को नई दिल्ली से संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हुए. जहां से वे वीजा के लिए अफगानिस्तान दूतावास पहुंचे. इसके बाद वो काबुल गए और कंधार के लिए उड़ान भरी. कंधार पहुंचने के बाद वहां से पाकिस्तान में एंट्री ली.
उन्होंने एक रात पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के पास गुजारी. इसके अगले दिन पाकिस्तान की ओर अपनी यात्रा जारी रखी. पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद उन्होंने कराची ले जाने के लिए एक व्यक्ति को 60,000 रुपये दिए.