Singapore: मुश्किलों में सिंगापुर के PM ली सीन लूंग के भाई, भारतीय मूल के मंत्रियों ने दर्ज कराया मानहानि का मुकदमा
Defamation Case Against Singapore Prime Minister's Brother: सिंगापुर में प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के छोटे भाई ली सीन यांग के खिलाफ भारतीय मूल के दो मंत्रियों ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
Singapore: सिंगापुर में भारतीय मूल के दो मंत्रियों ने प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के छोटे भाई ली सीन यांग के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंत्रियों ने दो सरकारी बंगलों के लिए बाजार मूल्य से कम किराया देने से संबंधित आरोपों पर मानहानि का मुकदमा किया है.
चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की सुनवाई 5 सितंबर को सुबह 9 बजे होगी. कानून और गृहमंत्री के. शनमुगम और विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने जुलाई में ली सीन यांग को नोटिस भेजा था. इसमें मांग की गई थी कि अगर ली सीन यांग उनके लगाए गए आरोपों पर माफी नहीं मांगते हैं तो वह दोनों उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर देंगे.
फेसबुक पोस्ट में शनमुगम ने किया था खुलासा
इससे पहले 27 जुलाई को एक फेसबुक पोस्ट में शनमुगम ने कहा था कि ली सीन यांग ने उन पर और बालकृष्णन पर गलत तरीके से काम करने और व्यक्तिगत लाभ के लिए सिंगापुर लैंड अथॉरिटी (SLA)का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. सीन ने आरोपों में कहा था कि दोनों मंत्रियों के सरकारी बंगलों में बिना अनुमति के पेड़ काटे गए हैं, साथ ही दोनों बंगलों के नवीकरण का भुगतान सिंगापुर लैंड अथॉरिटी ने किया है.
इन आरोपों के जवाब में शनमुगम ने कहा था कि सीन यांग की तरफ से लगाए गए आरोप सरासर गलत हैं. उन्होंने कहा कि वह पुश्तैनी घर को बेचने की तैयारी कर रहे थे, इसीलिए उन्होंने रिडआउट रोड की संपत्ति किराए पर ली न कि लाभ कमाने के लिए.
यांग ने दिया जवाब
मंत्रियों को जवाब देते हुए यांग ने कहा था, "शनमुगम और वी बालाकृष्णन ने मेरी पोस्गट को गलत समझा. मेरी पोस्ट में यह दावा नहीं किया गया है कि शनमुगम और वी बालाकृष्णन ने भ्रष्ट तरीके से काम किया या व्यक्तिगत लाभ के लिए सिंगापुर लैंड अथॉरिटी की अनुमति के बिना पेड़ों को अवैध रूप काटा और उसके लिए SLA भुगतान भी कर रहा है.
बंगला नंबर 26 और 31 को लेकर विवाद
रिपोर्ट के अनुसार, यह विवाद रिडआउट रोड स्थित बंगला नंबर 26 और 31 के लेकर है. यह बंगला ब्रिटिश-काल का है. इस साल मई में इस बंगले को लेकर उस समय विवाद शुरू हुआ था, जब विपक्षी नेता और रिफॉर्म पार्टी के प्रमुख केनेथ जेयारत्नम ने सवाल किया कि क्या मंत्री बंगलों के लिए बाजार मूल्य से कम भुगतान कर रहे हैं?
क्रप्ट प्रैक्टिस इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (CPIB) की जांच और वरिष्ठ मंत्री टीओ ची हेन की समीक्षा के बाद जुलाई में संसद में इस पर बहस हुई. सीपीआईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शनमुगम और बालाकृष्णन ने कोई गलत काम नहीं मिला,
वहीं, यांग न्यायिक कार्यवाही के दौरान झूठ बोलने के कारण वह पुलिस जांच के दायरे में आ गए थे. इसके चलते उन्होंने अपनी पत्नी ली सुएट फर्न के साथ सिंगापुर छोड़ दिया.