Singapore: सिंगापुर के राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम मैदान में, चीनी मूल के उम्मीदवारों से है मुकाबला
Singapore's Presidential Poll: सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम को देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया है. उनका मुकाबला दो चीनी मूल के उम्मीदवारों से है
Singapore Presidential Election: सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम को मंगलवार (22 अगस्त) को आधिकारिक तौर पर आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया. हालांकि उनके नाम को लेकर चर्चा पहले से चल रही थी. बता दें कि सिंगापुर में राष्ट्रपति चुनाव 1 सितंबर को होना है. ऐसे में शनमुगरत्नम के साथ में दो चीनी मूल के पूर्व व्यावसायिक अधिकारियों को भी उम्मीदवार घोषित किया गया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 66 वर्षीय थर्मन शनमुगरत्नम के साथ सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी के पूर्व निवेश प्रमुख एनजी कोक सॉन्ग और सरकारी बीमा कंपनी के पूर्व प्रमुख टैन किन लियान को राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया. सिंगापुर चुनाव आयोग ने इन नामों पर मुहर लगा दी है. नामांकन के बाद अपने भाषण में थर्मन ने कहा कि आइए एक ऐसे अभियान की आशा करें, जो गरिमापूर्ण और सम्माननीय हो, और एक ऐसा अभियान जो स्वयं सिंगापुरवासियों को एकजुट करना चाहता हो, न कि हमें विभाजित करना चाहता हो.
1 सितंबर को होना है मतदान
द स्ट्रेट्स टाइम्स अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, चूंकि तीनों को आधिकारिक तौर पर उम्मीदवारों के रूप में घोषित किया गया है, इसलिए वे 40,500 सिंगापुर डॉलर की अपनी चुनावी जमा राशि जब्त किए बिना दौड़ से बाहर नहीं हो सकते. रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर के नौवें राष्ट्रपति के लिए अब तीनों उम्मीदवार 30 अगस्त तक अपना चुनाव प्रचार शुरू कर सकते हैं. वहीं, मतदान दिवस 1 सितंबर को होगा .बता दें कि सिंगापुर की मौजूदा राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को खत्म हो जाएगा.
उपप्रधान मंत्री रह चुके हैं थर्मन
इससे पहले 66 वर्षीय थर्मन ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए पिछले महीने सार्वजनिक और राजनीतिक पदों से इस्तीफा दे दिया था. 2001 में राजनीति में शामिल होने से पहले थर्मन मुख्य रूप से सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण में एक अर्थशास्त्री और सिविल सेवक थे. सियासत में आने के बाद थर्मन ने शिक्षा और वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली और 2011 से 2019 तक देश के उपप्रधान मंत्री भी रहे.
ये भी पढ़ें: ब्रिटेन में अवैध रूप से काम करते पकड़ा गया भारतीय शख्स, कोर्ट ने लगाया हजारों पाउंड का जुर्माना