US में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी देंगे रूस को ऑफर! बताया कैसे पुतिन को कर सकते हैं ड्रैगन के खिलाफ
America: भारतीय-अमेरिकी मूल के विवेक रामास्वामी ने नाटो में यूक्रेन की एंट्री को ब्लॉक करने के प्लान के बारे में देंगे ऑफर.
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US Vivek Ramaswamy Over Russia: भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने गुरुवार (31 अगस्त) को चीन और रूस के संबंधों को लेकर अपनी बात की. उन्होंने कहा कि चीन की तरफ से पेश की गई बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि रूस को चीन के गोद में जाने से रोका जाए. उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर वो राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वो रूस के साथ सौदे की पेशकश करके चीन के पाले में जाने से रोकेंगे.
भारतीय-अमेरिकी मूल के विवेक रामास्वामी ने अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज से बातचीत करते हुए बताया कि अगर वो अमेरिकी राष्ट्रपति बन जाते हैं तो वो यूक्रेन और रूस के बीच मौजूदा स्थिति को स्थिर करने की पेशकश करेंगे. वो नाटो में यूक्रेन को एंट्री करने से रोकेंगे, लेकिन इसके बदले में रूस से चीन के साथ अपने सैन्य गठबंधन से बाहर निकलने का शर्त रखेंगे.
यूक्रेन में युद्ध को रोकने का प्लान
विवेक रामास्वामी से इंटरव्यू में पूछा गया कि वो यूक्रेन में युद्ध को कैसे रोकेंगे तब उन्होंने कहा कि वो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के नाटो में न शामिल होने देने का ऑफर देंगे. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका जीत जाएगा. मैं सच में यही करूंगा. मैं आगे भी कड़ी प्रतिबद्धता जताऊंगा कि नाटो में यूक्रेन शामिल न हो पाए.
विवेक ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन के लिए ये ऑफर पर्याप्त होगा, जिससे वो मेरी शर्त मान लेगें और चीन के साथ अपने सैन्य गठबंधन से बाहर निकल जाएंगे. इस प्लान के अलावा 38 वर्षीय करोड़पति बायोटेक उद्यमी ने कहा कि इस वक्त हम रूस को चीन के हाथों में जाने दे रहे हैं. ये अमेरिका के सामने सबसे बड़ा खतरा है, इसलिए मैं ठीक उल्टा करूंगा जैसा अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने 1972 में किया था.
रूस को चीन से अलग करने की कोशिश
विवेक रामास्वामी ने कहा कि वो रूस को चीन से अलग करने की कोशिश करेंगे. वो रूस के साथ आर्थिक संबंधों को फिर से शुरू करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि आज चीन रूस के ज्यादा करीब है क्योंकि अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाकर गलत तरीके से रूस को पश्चिम से काट दिया है. वहीं अगर हम रूस के साथ पश्चिमी आर्थिक संबंधों को फिर से खोलने में कामयाब हुए तो रूस के पास चीन के साथ साझेदारी करने का कोई कारण नहीं बचेगा.
इस बीच, एक अन्य भारतीय मूल के रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और दक्षिण कैरोलिना के पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने रामास्वामी की उनकी टिप्पणियों के लिए आलोचना की कि वह ईरान के खिलाफ अमेरिकी सैन्य बल का उपयोग करने के खिलाफ थे.
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