America: अमेरिका में एक भारतीय मूल के युवक को गिरफ्तार किया गया है. जिसने साल 2022 में मैडिसन, विस्कॉन्सिन में एक ऑफिस की इमारत में आग लगाई थी. अब इस मामले में युवक को दोषी ठहराया गया है. ख़ास बात यह है कि युवक को उसके डीएनए की जांच करने के बाद उसे दोषी ठहराया गया है. 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 29 वर्षीय मैडिसन निवासी ह्रदिंदु शंकर रॉय चौधरी को बोस्टन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बीते हफ्ते गिरफ्तार किया गया. आरोप है कि रॉय ने आग लगाने वाले उपकरण का इस्तेमाल कर ऑफिस को नुकसान पहुंचाया. जांच कमेटी में शामिल एक्सपर्ट के मुताबिक, डीएनए की जांच में शंकर दोषी पाया जाता है तो उसे 20 साल तक की सजा हो सकती है. वहीं, पांच साल तक की न्यूनतम सजा हो सकती है. 


शिकायतकर्ता के अनुसार, रॉय ने एक निजी संगठन को आतंकित करने और डराने-धमकाने के लिए आग लगाने वाली डिवाइस का इस्तेमाल किया. इसी के चलते एजेंसियों ने जांच में आरोपी के खिलाफ सबूत जुटाकर केस फ़ाइल किया. इस मामले पर चर्चा करते हुए अटार्नी जनरल मैथ्यू जी ओल्सन ने कहा कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने काम करते हुए जांच में रिपोर्ट में कहा कि मैं कानून प्रवर्तन कर्मियों की प्रतिबद्धता और व्यावसायिकता की सराहना करता हूं, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक रूप से काम किया.


मदर्स डे पर पर हुई थी घटना 
गौरतलब है कि बीते साल आठ मई को मदर्स डे के दिन यह घटना संयुक्त राज्य अमेरिका में घटित हुई थी. आरोप हैं कि भारतीय मूल के युवक ने एक निजी दफ्तर में काम करने के दौरान आग लगाने की घटना को अंजाम दिया था.


कूड़े में फेके खाने से हुई आरोपी की पहचान 
मामले की जांच में लगी फोरेंसिक टीम ने पाया कि आरोपी के द्वारा कूड़ेदान में फेंके गए भोजन और घटना स्थल के दौरान मिले निशान एक इंसान के है. इस बात की पुष्टि डीएनए जांच में हुई. जांचकर्ताओं के अनुसार, दोनों नमूने एक दूसरे से मेल खा रहे थे. जिसके बाद कोर्ट अपने निर्णय पर पहुंचा.


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