Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में उग्र हुए प्रदर्शन के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण ली. समाचार एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि हालात इतने खराब हो गए थे कि शेख हसीना जिस हाल में थी, उसी हाल में उन्होंने बांग्लादेश छोड़ने का फैसला किया. हालात इस हद तक बदतर थे कि उन्होंने अपने कपड़े और सामान को भी साथ रखा जरूरी नहीं समझा और किसी तरह जान बचाकर देश को छोड़ दिया.


रिपोर्ट के मुताबिक शेख हसीना के साथ आई टीम की भारतीय प्रोटोकॉल अधिकारियों ने कपड़े समेत अन्य जरूरी चीजें खरीदने में मदद की है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ ही उनकी टीम ने भी उग्र प्रदर्शन को देखते हुए भारत में शरण लेने का मन बनाया. न्यूज एजेंसी एएनआई को इस मामले के जानकार लोगों ने कहा कि टीम ने भी आनन-फानन में बांग्लादेश छोड़ने का फैसला किया. वो इतनी जल्दी में थे कि उनके पास कपड़े और जरूरी सामान ले जाने का भी समय नहीं था या वो समय इन चीजों को एकत्रित करने में नहीं बेकार कर सकते थे. 


क्या बोले शेख हसीना के बेटे?


शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बुधवार (07 अगस्त) ने उनकी मां के भारत में शरण लेने पर बातचीत की. सजीब वाजेद ने कहा, 'शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि उनके परिवार को उनकी सुरक्षा की काफी चिंता थी. मैं इसलिए परेशान नहीं था कि वो बांग्लादेश छोड़ रही थीं बल्कि इसलिए परेशान था क्योंकि वो बांग्लादेश को छोड़ने के समर्थन में नहीं थीं.'


'वो लोग तुम्हें मार देंगे'


सजीब वाजेद जॉय ने बांग्लादेश में जारी संकट पर भी बात की और ये भी बताया कि वहां प्रदर्शन कितना उग्र था. उन्होने कहा, 'अपनी मां शेख हसीना को हमें काफी मुश्किल से मनाना पड़ा. हमेने कहा कि अब ये को राजनीतिक आंदोलन नहीं रह गया बल्कि एक भीड़ है जो तुम्हें मार देगी.'


आधिकारिक आवास पर धावा बोला


बता दें कि सोमवार (05 अगस्त) को बांग्लादेश की पूर्व पीए शेख हसीना जैसे ही भारत आने के लिए रवाना हुईं, वैसे ही बेकाबू भीड़ उनके आधिकारिक आवास में में प्रवेश कर गई. शेख हसीना के आवास में घुसकर भीड़ ने तोड़फोड़ की और सामान भी लूटा.