Indian soldiers in Maldives: मालदीव से भारतीय सैनिकों की आज होगी वापसी, चीन की चाल में कहां तक फंसे मुइज्जू ?
India-Maldives Relations: मालदीव के जानकार अजीम जाहिर ने कहा 'हम यह जानते थे कि मुइज्जू निवेश के संदर्भ में चीन के करीब जाएंगे. लेकिन इस हद तक चले जाएंगे, इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी.
India-Maldives Relations: मालदीव और भारत के संबंधों के पड़ाव का आज महत्वूर्ण दिन है, क्योंकि आज यानी 10 मार्च से भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी होनी है. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने मई तक सभी भारतीय 80 सैनिकों को वापस भारत बुलाने के लिए कहा है. इसी क्रम में आज एक भारतीय सैनिकों की टुकड़ी भारत लौट आएगी.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक हाल के दिनों में मुइज्जू ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत का एक भी सैनिक मालदीव में नहीं रहेगा. मुइज्जू ने कहा है कि सिविल ड्रेस में भी भारत के कर्मी मालदीव में नहीं रहेंगे. दरअसल, पिछले दिनों माले और नई दिल्ली की बैठक में यह तय हुआ था कि भारतीय सैनिकों के बदले टेक्निकल टीम की मालदीव में तैनाती होगी.
मालदीव के सैनिकों को चीन देगा ट्रेनिंग
रिपोर्ट के मुताबिक मुइज्जू के राष्ट्रपति बनते ही भारत और मालदीव के संबधों में खटास बढ़ती ही जा रही है, क्योंकि मुइज्जू लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह मुइज्जू का चान समर्थक होना बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि चीन चाहता है कि मालदीव से भारत का हस्तक्षेप खत्म हो जाए, इसी क्रम में मुइज्जू इस तरह के फैसले कर रहे हैं. मालदीव के सैनिकों को ट्रेनिंग देने का भी अब चीन ने जिम्मा उठा लिया है, जबकि पहले भारत और अमेरिका मालदीव के सैनिकों को ट्रेनिंग देते थे.
चीन के साथ मालदीव का सैन्य समझौता
हाल कि दिनों में मालदीव और चीन का सैन्य समझौता भी हुआ है, जिसमें चीन ने कई तरह की सैन्य सहायता मुफ्त देने की बात कही है. मालदीव के जानकार अजीम जाहिर ने कहा कि 'ये अभूतपूर्व है, मालदीव ने पहली बार चीन के साथ रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि सैन्य सहयोग मुहैया कराया जा सके. हम यह ये जानते थे कि मुइज्जू निवेश के संदर्भ में चीन के करीब जाएंगे. लेकिन इस हद तक चले जाएंगे, इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी.'
मुइज्जू ने तोड़ी परंपरा
दरअसल, मालदीव को भारत बीते वर्षों में कई हेलिकॉप्टर दान में दिए हैं, जिनके संचालन के लिए भारतीय सैनिक मालदीव में तैनात हैं. इन्हीं सैनिकों की अब वापसी होनी है. अभी तक मालदीव के राष्ट्रपति पहले भारत आते थे, लेकिन इस परंपरा को भी मुइज्जू ने तोड़ दिया है. मुइज्जू चीन और तुर्किये का दौरा कर चुके हैं, लेकिन अभी तक भारत के दौरे पर नहीं आए. माना जा रहा है कि चीन और मालदीव के खराब होते संबंधो का चीन फायदा उठा रहा है और मालदीव में अपनी पैठ बना रहा है.
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