Vivek Gurav: ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के भारतीय स्टूडेंट विवेक गुरव ने इंग्लैंड में सफाई को लेकर एक नया ट्रेंड चला दिया है. इस ट्रेंड का नाम है प्लॉगिंग. ब्रिटेन के कई शहरों ने विवेक गुरब के इस ट्रेंड को फॉलो किया जा रहा है, जिसमें जॉगिंग करते-करते कूड़ा बीना जा रहा है. मूल रूप से विवेक महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले हैं. विवेक के इस काम को ब्रिटेन में काफी सराहा जा रहा है.
विवेक ने स्वीडिश कॉन्सेप्ट से प्रेरित होकर प्लॉगिंग की शुरुआत की थी. इस कॉन्सेप्ट में जॉगिंग और पिकअप जैसी चीज थी, जो लोगों को अपनी लोकल स्ट्रीट्स को साफ करने के लिए प्रेरित करती है. ऐसा नहीं कि विवेक ने सिर्फ इंग्लैंड में ही प्लॉगिंग को फेमस किया बल्कि वो भारत में भी इस नाम से एक ग्रुप चला रहे हैं. इस ग्रुप का नाम पुणे प्लॉगर्स है और इसमें 10 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं. इस ग्रुप के लोगों ने 10 लाख किग्रा. से ज्यादा कचरा इकट्ठा किया है.
ब्रिटेन में चल पड़ी लहर
विवेक गुरव की यूनिवर्सिटी का कहना है कि जब से उन्होंने प्लॉगिंग के बारे में बताया है तब से 180 देशों के वॉलंटियर्स इसमें शामिल हुए हैं और इन लोगों ने 120 प्लॉगिंग मिशन के तहत 420 मील की दूरी तय की है. अब इस अभियान को इंग्लैंड के 30 शहरों में लेकर जाएंगे. इस मामले पर गुरव का कहना है कि मैंने सिर्फ ब्रिस्टल शहर में प्लॉगिंग की लेकिन मैनचेस्टर, लीड्स, डर्बी में भी लोग मुझे प्लॉगिंग करने के लिए कहते रहे.
30 शहरों में होगा प्लॉगिंग चैलेंज
उन्होंने आगे बताया कि ब्रिस्टल के अलावा दूसरे शहरों से अच्छा रेस्पॉन्स मिलने के बाद मैंने यूके के 30 शहरों में प्लॉगिंग चैलेंज को ले जाने का निर्णय लिया है. मैं इंग्लैंड में प्लॉगिंग कम्युनिटी खड़ी करना चाहता हूं, जिस तरह मैंने भारत में खड़ी की. इसके लिए मैं पूरे इंग्लैंड में प्लॉगिंग कर सकता हूं. लोगों को दिशा दिखा सकता हूं, उन्हें एक ब्लू प्रिंट भी दे सकता हूं और वो खुद से प्लॉगिंग ग्रुप शुरू कर सकते हैं.
गुरव को मिल चुका है अवॉर्ड
अपने प्रयासों से दुनिया में ख्याति पाने वाले भारतीय छात्र विवेक गुरव को ब्रिटेन की सरकार ने पॉइंट्स ऑफ़ लाइट अवॉर्ड से नवाजा है. ये अवॉर्ड उन लोगों को दिया जाता है जो लोग उनकी कम्युनिटी में बदलाव लेकर आते हैं. अवॉर्ड मिलने पर गुरव का कहना है कि वो इसे पाकर सरप्राइज हो गए थे और उनके पिता को उन पर गर्व है.