Indian Teen Missing In US: अमेरिका के अर्कांसस राज्य में भारतीय मूल की एक 14 वर्षीय छात्रा तीन सप्ताह से अधिक समय से लापता है. उसके परिजन और पुलिस उसकी तलाश में जुटे हैं, लेकिन वो मिल नहीं रही है. परिजनों की ओर से उसे घर लाने की उम्मीद में 5,000 अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है.


छात्रा का नाम तन्वी मारुपल्ली (Tanvi Marupally) है. उसे अर्कांसस के कॉनवे में आखिरी बार 17 जनवरी को अपने पड़ोस में देखा गया था, जब वह बस से स्कूल के लिए निकली थी. हालांकि उसके बाद उसका पता नहीं चला. पुलिस का मानना है कि वह अमेरिका छोड़ने के डर से कहीं चली गई होगी, क्योंकि उसके पिता को टेक इंडस्ट्री में छंटनी के खतरे का सामना करना पड़ा, वहीं, तन्‍वी को डिपोर्टेशन (निर्वासन) का डर सता रहा था. 


अमेरिका में भारतीय किशोरी लापता


कॉनवे पुलिस डिपार्टमेंट (Conway Police Department) ने कहा कि अर्कांसस के कॉनवे की तन्वी मारुपल्ली 17 जनवरी को बस से स्कूल के लिए निकली थी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना है कि उसके कहीं गायब होने के संभावित कारणों में से एक उसके परिवार को निर्वासित किए जाने का डर था. तन्वी के माता-पिता का भी मानना है कि उनकी बेटी परिवार की अप्रवासन स्थिति के कारण कहीं चली गई है. 



चिंतित हैं तन्वी के माता-पिता 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तन्वी के माता-पिता ने कहा, ''भले ही हम कानूनी तौर पर कई वर्षों तक अमेरिका में रहते और काम करते रहे हैं, नागरिकता हासिल करने की उम्मीद और कोशिश कर रहे हैं, लेकिन देश की इमिग्रेशन पॉलिसी ने सब ठंडे बस्ते में डाल दिया है. 


उनके पिता, पवन रॉय मारुपल्ली, जो एक तकनीकी कंपनी में काम करते हैं, को प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चल रही छंटनी के कारण अपनी नौकरी जाने का खतरा झेलना पड़ा. हालांकि, उन्होंने सीपीडी को सूचित किया है कि अब उन्हें अपनी नौकरी खोने का खतरा नहीं है और उनके लिए इस समय देश छोड़ना भी चिंता का विषय नहीं है. 


अमेरिका में हुई थी हजारों लोगों की छंटनी


द वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, अमेरिका में कई बड़ी कंपनियों ने पिछले साल नवंबर से लगभग 200,000 आईटी कर्मचारियों को हटा दिया गया है, जिसमें Google, Microsoft, Facebook और Amazon जैसी कंपनियां शामिल हैं. वहीं, कई खबरें ऐसी भी हैं कि उक्‍त कंपनियों में 30 से 40 प्रतिशत भारतीय आईटी पेशेवर हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में एच-1बी और एल1 वीजा पर हैं. 


LayoffTracker.com के मुताबिक, जनवरी 2023 में ही 91,000 लोगों की छंटनी कर दी गई थी और आने वाले महीनों में यह संख्या बढ़ सकती है. इसका उन पर, और उनके परिवारों पर, विशेष रूप से एच-1बी धारकों पर भारी प्रभाव पड़ता है, जिन्हें एच-1बी अनुग्रह अवधि के बाद 10 दिनों के भीतर तुरंत अमेरिका छोड़ने की आवश्यकता होगी. 


परिजनों ने कहा- हमें बेटी वापस चाहिए


रिपोर्ट में कहा गया है कि तन्‍वी की मां श्रीदेवी एदारा को भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. इसके बाद श्रीदेवी को अकेले भारत लौटना पड़ा था और पवन रॉय को आश्रित के रूप में वीजा के लिए फिर से आवेदन करना पड़ा. उसे अपने परिवार के साथ वापस आने में एक साल लग गया. जब उनकी बेटी से पूछा गया कि अगर उनका वर्क वीजा खो गया तो वे क्या करेंगी, पवन ने कहा कि हमें उसकी चिंता नहीं है. हमें तो बेटी वापस चाहिए.' 


पिता को कहा था- मैं भारत वापस क्यों जाऊं? 


पवन रॉय के मुताबिक, उनकी बेटी ने कहा था, "मैं भारत वापस क्यों जाऊं? मैं तो यहां आ चुकी हूं." रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके माता-पिता का मानना है कि अमेरिका में उनकी बेटी के लिए उसके घर से निकाले जाने की संभावना बहुत अधिक थी. कॉनवे पुलिस प्रवक्ता लेसी कानिपे ने मंगलवार को कहा, "यह एक बड़ी बात है, जब भी कोई बच्चा इस तरह गायब होता है तो यह एक बड़ी बात है." कानिपे ने कहा, "हालांकि हम पॉजिटिव सोच रहे हैं, और हमारा लक्ष्य उसे उसके परिवार से मिलाना है."


पुलिस समेत कई ग्रुप तन्‍वी की तलाश कर रहे हैं और अब जो कोई भी उसे खोजेगा उसके लिए इनाम भी रखा गया है. सीपीडी ने कहा कि उन्होंने यूएस मार्शल सर्विस और नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रन से इस जांच में उनकी सहायता के लिए कहा है. तन्वी का परिवार उसे घर लाने वाले को 5,000 अमेरिकी डॉलर का इनाम देगा.


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