नेपाल में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप में गुरुवार (18 मई) को एक भारतीय महिला पर्वतारोही की मौत हो गई. 59 वर्षीय महिला पर्वतारोही को बीमारी के चलते पेसमेकर लगा हुआ था. वो पेसमेकर के साथ माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर एशिया की पहली महिला पर्वतारोही होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाह रही थीं.


नेपाल के पर्यटन विभाग के निदेशक युवराज खतिवादा ने जानकारी देते हुए बताया कि सुजान्ने लियोपोलडिना जीसस को माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में चढ़ाई से पहले किए जाने वाले अभ्यास में कई मुश्किलें हो रही थीं. जिसकी वजह से  उन्हें सोलुखुंभू जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां गुरुवार उनकी मौत हो गई.


पहले से ही होने लगी थी मुश्किलें


खतिवादा ने बताया कि चढ़ाई से पहले किए जाने वाले अभ्यास में उन्हें सामान्य तेजी और चढ़ने में मुश्किलें हो रही थीं. जिसकी वजह से उन्हें माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश करने से मना किया गया था. उन्होंने बताया कि  सुजान्ने को पेसमेकर लगा होने की वजह से दिक्कतें संभव थीं. 


बताया जा रहा है कि सुजान्ने ने सलाह मानने से इनकार कर दिया. यह कहते हुए कि उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने के लिए लगने वाली अनुमति पाने के लिए पहले ही फीस भर दी है. अभियान के आयोजक और ग्लेशियर हिमालयन ट्रैक के चेयरमैन डेंडी शेरपा ने बताया कि सुजान्ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप से कुछ ही ऊपर 5,800 मीटर की ऊंचाई तक चढ़ पाई थीं. जिसके बाद उन्हें जबरदस्ती लुकला के अस्पताल में भर्ती कराया गया.


चढ़ाई करने से किया गया था मना


उन्होंने कहा कि हमने सुजान्ने को पांच दिन पहले ही चढ़ाई करने से मना कर दिया था, लेकिन वो एवरेस्ट फतेह करने पर अड़ी थीं. उन्होंने ये भी बताया कि चढ़ाई से पहले होने वाले अभ्यास में पता चल गया था कि सुजान्ने पहाड़ पर चढ़ने के योग्य नहीं हैं. शेरपा ने इस बारे में पर्यटन विभाग को एक पत्र भी लिखा था.


पत्र के मुताबिक, बेस कैंप से केवल 250 मीटर ऊपर स्थित क्रॉम्पटन प्वाइंट पर पहुंचने में सुजान्ने को पहली कोशिश में 5 घंटे लग गए थे. वहीं, पर्वतारोहियों को यहां तक पहुंचने में केवल 15 से 20 मिनट लगते हैं. दूसरी कोशिश में 6 घंटे  और तीसरी कोशिश में 12 घंटे लगे थे.


बनाना चाहती थी वर्ल्ड रिकॉर्ड


उन्होंने बताया कि वह पेसमेकर के साथ माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली पहली एशियाई महिला होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती थीं. उन्होंने ये भी बताया कि उनके गले में कोई दिक्कत थी और वह आसानी से खाना भी नहीं निगल पा रही थीं. सुजान्ने के परिवार वालों को सूचना दे दी गई है और वे शुक्रवार को काठमांडू पहुंच जाएंगे. इस साल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के दौरान ये 8वीं मौत है.


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