नई दिल्ली: सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीय अपने डिपेंडेंट्स को वापस भारत भेजने का सोच रहे हैं. सऊदी अरब में काम करने वाले लोगों पर 1 जुलाई से नया टैक्स लगने जा रहा है. इस टैक्स के लागू होने के बाद वहां काम करने वाले लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक मार पड़ने जा रही है.
सऊदी अरब में 1 जुलाई से लगने वाले नए टैक्स की वजह से वहां काम करने करने वाले लोगों को अपने एक डिपेंडेंट के लिए 100 रियाल यानी करीब 1700 रुपए हर महीने देने होंगे. इस टैक्स के लागू होने के बाद वहां रह रहे 41 लाख भारतीयों के लिए आर्थिक तौर पर मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. उन्हीं मुश्किलों से बचने के लिए ये लोग अपने डिपेंडेंट्स (अपने साथ रह रहे माता-पिता, पति-पत्नी और बच्चे) को भारत वापस भेजना चाहते हैं.
भारत वापस आ चुके हैं कई परिवार
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कंप्यूटर प्रोफेशनल मोहम्मद ताहिर ने बताया है कि कई परिवारों ने भारत लौटने का प्लान बनाया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह अपने डिपेंडेंट्स का खर्चा नहीं उठा पाएंगे.
माइग्रेंट राइट एक्टिविस्ट भीम रेड्डी ने बताया है कि पिछले चार महीनों में वहां रहने वाले कई लोगों ने अपने परिवारों को वापस भेज दिया है. साथ ही अब वह वहां अकेले रहने को मजबूर हो गए हैं.
डिपेंडेंट रखने के लिए महीने में 5,000 रियाल कमाना जरूरी
आपको बता दें कि सऊदी अरब में उन्हीं लोगों के परिवार को वीजा मिलता है जो कि महीने में कम से कम 5000 रियाल यानी करीब 86,000 रुपए कमाते हैं. अगर कोई भारतीय वहां रहता है और उसके साथ उसकी पत्नी और 2 बच्चे भी रह रहे हैं तो उसे हर महीने 300 रियाल यानी करीब 5100 रुपए टैक्स के तौर पर देने होंगे.
2020 तक बढ़ाता जाएगा डिपेंडेंट्स पर लगने वाला टैक्स
इतना ही नहीं सऊदी अरब में लागू होने वाला यह टैक्स हर साल बढ़ता जाएगा. यह टैक्स 2020 तक हर साल 100-100 रियाल बढ़ाया जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि वहां रहने वाले एक डिपेंडेंट के लिए 2020 में 400 रियाल यानी 6800 रुपए टैक्स के तौर पर चुकाने होंगे. इसके साथ ही बताया गया है कि इस टैक्स की रकम को एडवांस में ही चुकाना होगा. यानी कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता है तो उसे 1200 रियाल यानी 20,400 रुपए एंडवास में ही चुकाने होंगे.
कुछ कंपनियां चुकाएंगी डिपेंडेंट फीस
हालांकि, वहां कि कुछ कंपनियों ने काम करने वाले लोगों को डिपेंडेंट फीस देने का फैसला किया है, लेकिन ज्यादातर लोगों को यह फीस खुद ही भरनी होगी. इस टैक्स से भारत पर पड़ने वाले प्रभाव पर विदेश मंत्रालय के सीनियर अधिकारी ने कहा कि उसके बारे में अभी कुछ भी नहीं बताया जा सकता है.