Russia India Relations : भारतीय युवाओं को रूस की आर्मी में शामिल करने का मुद्दा पीएम मोदी ने उठाया तो रूस का तरफ से जवाब आया है. प्रधानमंत्री मोदी ने रूस दौरे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने आर्मी में भर्ती भारतीयों की जल्द रिहाई का मसला उठाया था. भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया की रूसी राष्ट्रपति ने वादा किया है कि जल्द भारतीयों को भेजा जाएगा. वहीं, रूस की तरफ से भी इसको लेकर बयान आया है.
भारत में रूस के कार्यवाहक राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा कि रूस कभी भी भारतीयों को रूसी आर्मी में भर्ती करना नहीं चाहता. उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोगों को धोखा देकर भर्ती कराया गया. कार्यवाहक राजदूत ने कहा कि हम नहीं चाहते कि रूसी आर्मी में भारतीयों की भर्ती हो. उन्हें धोखे से लाया गया है. रोमन ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ काम कर रहे हैं, ताकि इस मामले पर जल्द समाधान हो. रूसी सेना के लिए इन लोगों की उपस्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता. जो 50- 60 लोग बताए जा रहे हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
'जो वापस आना चाहेगा, उसे हम लाएंगे'
रूस के कार्यवाहक राजदूत ने कहा, हमारी जो समझ है, वो लोग कमर्शियल आधार पर आए हैं. कुछ लोगों को धोखे से एजेंट यहां शामिल कराकर चले गए, जो एक अपराध है. उन्होंने कहा कि रूस और भारत की सरकार इन्हें तलाशेगी और जो भी वापस आना चाहेगा, उसे हम वापस लाएंगे. राजदूत ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं कि किस एजेंट ने उन्हें भर्ती किया और धोखा दिया. रूस के एजेंट भी इसके बाद से जांच के दायरे में हैं. उन्होंने ये भी बताया कि सभी भारतीय रूस में यात्री और बिजनेस वीजा पर हैं. रूस के पास किसी तरह का मैकेनिज्म नहीं कि भारतीयों या दूसरे देश के नागरिकों को रूस की आर्मी में भर्ती किया जाए.