संयुक्त राष्ट्र: आने वाले सात सालों में भारत की आबादी 1.44 अरब को पार कर जाएगी और चीन को पीछे छोड़ते हुए यह दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.


संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट 'संभावित वैश्विक आबादी: पुनरावलोकन 2017' बुधवार को रिलीज हुई, जिसमें दो महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं कि पछिले 50 सालों में भारतीयों की प्रजनन दर आधी होकर 2.3 प्रतिशत हो गई है और पिछले 25 सालों में जीवन प्रत्याशा करीब एक दशक बढ़कर अब लगभग 69 साल हो गई है.


रिपोर्ट के मुताबिक, "करीब सात सालों में भारत की आबादी चीन से ज्यादा हो जाने की संभावना है."


रिपोर्ट में इस बात को उल्लेखनीय खोज कहा गया. रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 में दोनों देशों की आबादी करीब 1.44 अरब होने की उम्मीद है, जो वर्तमान में भारत की आबादी 1.34 अरब और चीन की आबादी 1.41 अरब के मुकाबले वृद्धि को दर्शाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, "इसके बाद भारत की आबादी कई दशकों तक बढ़ती रहेगी और 2030 में 1.5 अरब हो जाएगी और 2050 में 1.66 अरब हो जाएगी, जबकि चीन की आबादी 2030 तक स्थिर रहने की उम्मीद है और इसके बाद इसमें धीमी गिरावट आने की उम्मीद है."


भारत की आबादी 2050 के बाद स्थिर होने और इसमें गिरावट होने की संभावना है, जो 2100 तक 1.5 अरब हो जाएगी. फिर चीन की आबादी एक अरब से थोड़ा ज्यादा होगी. भारत में प्रति महिला प्रजनन दर की क्षमता 1975-80 के 4.97 प्रतिशत के मुकाबले घटकर वर्तमान अवधि 2015-20 में 2.3 प्रतिशत हो गई है.


साल 2025-30 तक यह घटकर 2.1 प्रतिशत होने और 2045-50 के दौरान 1.86 प्रतिशत और 2095-2100 के दौरान 1.78 प्रतिशत होने का अनुमान है. भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 1990-1995 में 59.2 साल थी, जो वर्तमान अवधि 2015-20 में 68.9 साल हो गई है. विश्व की वर्तमान आबादी 2030 तक बढ़कर 8.6 अरब और 2050 तक 9.8 अरब हो जाने का अनुमान है.