India Maldives: भारत और मालदीव के रिश्ते दशकों पुराने हैं. मगर अब रिश्ते में चीन नाम के एक 'विलेन' की एंट्री हो चुकी है. यही वजह है कि चीन के आगमन के साथ ही मालदीव भारत संग दशकों पुरानी दोस्ती को भूल बैठा. मालदीव इस बात को भी भूल बैठा की भारत ने हर मुसीबत में उसकी मदद की है. प्राकृतिक आपदाओं के समय मानवीय मदद भेजना हो या फिर उसकी सुरक्षा के लिए हेलिकॉप्टर, जहाज जैसे डिफेंस एसेट देना हो. भारत हर वक्त मालदीव संग खड़ा रहा है.
दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू को जैसे ही राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया गया, वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी. उन्होंने मुइज्जू के साथ मिलकर भारत-मालदीव रिश्तों को आगे बढ़ाने की बात कही. 17 नवंबर को जब मोहम्मद मुइज्जू का शपथ ग्रहण हुआ, तब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू उसमें शामिल हुए. हालांकि, मुइज्जु ने रिजिजू से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत मालदीव में मौजूद अपने सैनिकों को वापस बुला ले. वह अपने देश में विदेशी बल नहीं चाहते हैं.
मालदीव में कितने भारतीय सैनिक मौजूद हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मालदीव में भारत के 70 के करीब सैनिक मौजूद हैं, जो भारत से भेजे गए रडार सिस्टम और सर्विलांस एयरक्राफ्ट को यहां ऑपरेट करते हैं. मोहम्मद मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है. ऐसे में उनके राष्ट्रपति चुनाव जीतते ही इस बात का अंदाजा हो गया था कि इस तरह का फैसला वह कर सकते हैं. हालांकि, मुइज्जू इस बात को भूल बैठे कि मुसीबत की हर घड़ी में भारत मालदीव का साथी रहा है. मगर फिर भी वह चीन की दोस्ती के लिए भारत संग दगा कर बैठे.
भारत ने हमेशा से ही मालदीव की मदद की है. वह हिंद महासागर में ऐसी लोकेशन पर मौजूद हैं, जो भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है. मालदीव पर जब भी कोई मुसीबत आई है, तब तक भारत ने उसकी मदद की है. ऐसे में आइए आपको एक लिस्ट के जरिए बताते हैं कि भारत ने मालदीव को हथियार से लेकर मानवीय मदद समेत क्या-क्या मदद दी है.
डिफेंस सेक्टर में क्या-क्या दिया गया?
- भारत ने 2010-2013 के बीच मालदीव को दो ध्रुव हेलिकॉप्टर दिए. इनके मेंटेनेंस और ऑपरेशन का काम भारतीय सैनिक करते हैं. इन हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल सर्विलांस और मेडिकल निकासी के लिए किया जाता है.
- मालदीव को सितंबर 2020 में एक डोर्नियर एयरक्राफ्ट दिया गया. इसका मेंटेनेंस भी भारतीय सैनिक कर रहे हैं. इस एयरक्राफ्ट के जरिए मालदीव के 10 लाख स्क्वायर किलोमीटर वाले आर्थिक इलाके में एंटी-ट्रैफेकिंग, एंटी-पाइरेसी और सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन किया जाता है.
- दिसंबर 2019 एक फास्ट इंटरसेप्टर बोट को मालदीव को गिफ्ट में दिया गया. इस बोट के जरिए मालदीव की समुद्री सुरक्षा बढ़ी और इसने देश के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा दिया.
- इस साल जनवरी में मालदीव को दो समुद्री एंबुलेंस भी दिए गए. मालदीव को दी जाने वाली मदद 3.3 करोड़ की मदद के हिस्से के रूप में समुद्री एंबुलेंस उसे सौंपी गई. इससे देश का हेल्थकेयर सिस्टम मजबूत हुआ.
- मई 2023 में मालदीव को एक फास्ट पेट्रोल व्हीकल भी दिया गया. मालदीव डिफेंस फोर्स में इसे हुरावे कोस्ट गार्ड शिप के तौर पर कमीशन किया गया. इसकी वजह से मालदीव की समुद्र में निगरानी की क्षमता बढ़ गई है. अब वह तेज रफ्तार के साथ निगरानी कर पा रहा है.
- मई के महीने में ही मालदीव को एक लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट शिप भी सौंपा गया. समुद्री लुटेरों और ट्रैफिकर्स के खिलाफ मालदीव की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए ये जहाज मालदीव को दिया गया था.
डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर में भी भारत का निवेश
- भारत की मदद से 2022 में मालदीव में 'एक्सटेंडेड कोस्टल सर्विलांस रडार सिस्टम' (CSRS) तैयार हुआ. भारत ने 2007 में मालदीव में 10 कोस्टल रडार लगाए थे. उनसे मिलने वाला सभी डाटा को CSRS के जरिए एक जगह किया जा सकता है. ये देश की समुद्री निगरानी बढ़ रहा है.
- सेनाहिया एमएनडीएफ मिलिट्री हॉस्पिटल को 2012 में भारत की मदद से पूरा किया. भारत ने इस छोटी सी फैसिलिटी को एक अस्पताल में तब्दील किया, तब से ही यहां मेडिकल उपकरण रखे जा रहे हैं. भारत से मिलने वाली मेडिकल मदद भी यहीं पहुंचती है.
- कॉम्पोजिट ट्रेनिंग फैसिलिटी को 2019 में पूरा किया गया. ये मालदीव डिफेंस फोर्स का प्रमुख ट्रेनिंग सेंटर है. भारत ने इस ट्रेनिंग फैसिलिटी को तैयार करने के लिए 8.33 करोड़ रुपये दिए थे.
- भारत-मालदीव विकास निगम के तहत मालदीव के लिए 2018 में 1.4 अरब डॉलर का आर्थिक पैकेज घोषित किया गया. भारत इस पैसे के जरिए मालदीव में दो एयरपोर्ट, एक बंदरगाह और सीवेज नेटवर्क तैयार कर रहा है, जो 34 द्वीपों तक फैला होगा. इसके अलावा एक कैंसर अस्पताल और क्रिकेट स्टेडियम भी तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा कई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
मालदीव को कब-कब दी गई मानवीय मदद
- 2004-2005 में भारत उन पहले देशों में था, जिसने सुनामी के बाद मची तबाही के लिए मालदीव की ओर मदद का हाथ बढ़ाया था. उस समय मालदीव को इस आपदा से उबारने के लिए उसे वित्तीय मदद भी दी गई थी.
- 2014 में जब मालदीव को पानी के संकट से जूझना पड़ रहा था, तो उस वक्त भारतीय जहाज और एयरक्राफ्ट 2000 टन पानी लेकर मालदीव पहुंचे थे, ताकि लोगों की प्यास बुझाई जा सके.
- 2020 में भारत ने मालदीव को 30 हजार मीजल और रुबेला वैक्सीन दी, ताकि देश में फैले बीमारियों के प्रकोप को खत्म किया जा सके.
- 2020-2021 में कोविड महामारी के दौरान भी भारत ने मालदीव की मदद की. मालदीव को भारत ने कोविड वैक्सीन की सप्लाई भेजी और साथ ही साथ 2000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भी की.
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