Indonesia News: इंडोनेशिया में लोगों के किडनी बेचने का मामला सामने आया है. हाल ही में 122 इंडोनेशियाई नागरिकों को कंबोडिया भेजा गया है, जहां उनकी किडनी निकालकर बेच दी गई. पुलिस और इमिग्रेशन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने मानव तस्करों के साथ मिलकर इस पूरे प्लान को अंजाम दिया है. इस पूरे मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस को उम्मीद है कि गिरफ्तार किए गए लोग एक बड़े मानव तस्करी गिरोह की जानकारी दे सकते हैं. 


'द डिप्लोमैट' की खबर के मुताबिक, मुस्लिम बहुल इस देश में किडनी बेचने वाले लोगों में टीचर, फैक्ट्री मजदूर, एग्जिक्यूटिव और सिक्योरिटी गार्ड तक शामिल हैं. कहा गया है कि इन लोगों ने पैसों के एवज में अपनी किडनी बेचने का फैसला किया है. जकार्ता पुलिस डायरेक्टर हेंगकी हारयादी ने कहा कि पीड़ितों में से ज्यादातर ने महामारी के दौरान नौकरी गंवा दी. इससे उन्हें पैसों की तंगी से जूझना पड़ा और फिर उन्होंने चंद पैसों के लालच में आकर अपनी किडनी बेचना शुरू कर दिया. 


लोगों को कैसे शिकार बनाया जा रहा? 


जावा द्वीप की फेमिनिस्ट कार्यकर्ता दमाई पाकपहां ने कहा कि इंडोनेशिया में मानव तस्करी के पीछे कई सारी वजहें हैं. उनका कहना है कि ऐसे अपराधों में सरकार की दखलअंदाजी कम है. ऊपर से लोग भी आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं. पाकपहां ने बताया कि देश में काम के मौके कम हैं और लोग भी गरीब हैं. ऊपर से पढ़ाई का स्तर भी कम है. इसलिए जब लोगों को कोई भी ऑनलाइन जानकारी मिलती है, तो वे उस पर आंख बंद कर यकीन कर लेते हैं. 


मानव तस्कर लोगों को शिकार बनाने के लिए ऑनलाइन कैंपेन चला रहे हैं. लोगों को ऑनलाइन कैंपेन के जरिए बताया जाता है कि उन्हें शरीर के अंगों के बदले पैसा दिया जाएगा. ऐसे में लोग लालच के चक्कर में पड़कर मानव तस्करों का शिकार बन जाते हैं. सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि मानव तस्करी में शामिल कुछ लोग खुद इसका शिकार बन अपनी किडनी बेच चुके हैं. मानव तस्करों ने अब इन्हें ही रिक्रूटर बना दिया है, जिनका काम मासूमों को जाल में फंसाना है.


किडनी के बदले कितना पैसा मिल रहा? 


मानव तस्करों का शिकार बने लोगों को कंबोडिया की राधानी नामपेन्ह लेकर जाया जाता है. यहां पर प्रीह केट मीलिया अस्पताल नाम से एक अस्पताल है, जहां लोगों की किडनी निकालने का काम किया जा रहा है. जकार्ता पुलिस डायरेक्टर हेंगकी हारयादी ने बताया कि दो देशों में फैला मानव तस्करी वाला ये गिरोह 2019 से ही एक्टिव है. इसने अब तक 1.6 अरब डॉलर की कमाई की है. अगर भारतीय रुपये में इसकी बात करें, तो ये लगभग 13 हजार करोड़ रुपये होता है. 


हेंगकी हारयादी ने बताया कि किडनी देने वाले व्यक्ति को एक किडनी के लिए 9000 डॉलर (लगभग 7.5 लाख रुपये) मिल रहे हैं. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में एक पुलिस अधिकारी, एक इमिग्रेशन अधिकारी और 10 मानव तस्कर शामिल हैं, जिसमें से तीन कंबोडिया में काम कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि इसमें सबसे बड़ा रोल इमिग्रेशन अधिकारी प्ले कर रहा था, जिसे हर शिकार के बदले 200 डॉलर (लगभग 16000 रुपये) मिल रहे थे. 


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