इंडोनेशिया में फटा लेवोटोबी ज्वालामुखी: 10 की गई जान, 4Km दूर तक धधकते लावा से मकानों को मोटा नुकसान!
Indonesia Volcano Erupts: माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी में ज्वालामुखी फटने से 10 लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद से पूरे इलाके में हाई अलर्ट जारी किया गया है तो वहीं 58 दिनों के लिए इमरजेंसी घोषित की गई.
Indonesia Volcano Erupts: पूर्वी इंडोनेशिया में माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी में रविवार आधी रात को ज्वालामुखी लेवोटोबी के फटने से 10 लोगों की मौत हो गई है. अधिकारियों ने सोमवार (04 नवंबर) को बताया कि पूर्वी इंडोनेशिया में माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी में ये विस्फोट हुआ, जिससे लावा के विस्फोटक गुबार निकले. इसके कारण अधिकारियों को आस-पास के कई गांवों को खाली कराना पड़ा.
न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के मुताबिक, ज्वालामुखी विज्ञान और भूगर्भीय खतरा शमन केंद्र के प्रवक्ता हादी विजाया ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वी इंडोनेशिया के फ्लोरेस आइलैंड स्थित माउंट लेवोटोबी लाकी-लाकी में रविवार रात 11.57 बजे विस्फोट हुआ. इसके कारण लावा, ज्वालामुखीय राख और धधकती चट्टानों का एक लाल-लाल स्तंभ निकला.
लोगों के घरों पर गिरा लावा
हादी विजाया ने बताया कि "विस्फोट के बाद बिजली चली गई और फिर बारिश होने लगी. इसके बाद तेज बिजली गिरी, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई." उन्होंने यह भी बताया कि अधिकारियों ने ज्वालामुखी की स्थिति को हाईएस्ट अलर्ट स्तर तक बढ़ा दिया है. वहीं क्रेटर से सात किलोमीटर (चार मील) के दायरे को साफ कराने की भी बात कही है. ज्वालामुखी के करीब चार किलोमीटर (दो मील) दूर स्थित बस्तियों में आग के लावे और ज्वालामुखी की चट्टानें जा गिरी, जिससे निवासियों के घर जल गए और उन्हें नुकसान पहुंचा.
🚨🇮🇩INDONESIA VOLCANO ERUPTION: 8 KILLED
— Weather monitor (@Weathermonitors) November 4, 2024
Mount Lewotobi in East Flores, Indonesia, erupted, claiming 8 lives. Volcanic debris rained down on Wulanggitang District. Emergency services are responding to assess damage and aid affected communities. pic.twitter.com/ZFEHteinfx
सात गांव हुए प्रभावित
स्थानीय अधिकारी हेरोनिमस लामावुरन ने कहा कि सोमवार दोपहर तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी. इस विस्फोट से सात गांव प्रभावित हुए हैं. वह बोले, "हमने आज सुबह से ही निवासियों को क्रेटर से करीब 20 किलोमीटर (13 मील) दूर स्थित अन्य गांवों में पहुंचाना शुरू कर दिया है."
ज्वालामुखी से लाल हो गया था आसमान
अधिकारियों की ओर से साझा तस्वीरों में ज्वालामुखी के ऊपर शाम का आसमान विस्फोट के कारण लाल दिखाई दे रहा था, जबकि फुटेज में कुछ लकड़ी के घरों में आग लगी हुई दिखाई दे रही थी और मास्क पहने निवासियों को निकाला जा रहा था. अधिक फुटेज में दिखाया गया कि एक गांव में ज्वालामुखी की मोटी राख सड़कों और इमारतों को ढक रही थी.
अगले 58 दिनों के लिए इमरजेंसी घोषित
एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि इंडोनेशिया की आपदा एजेंसी ने आने वाले दिनों में संभावित बाढ़ और ठंडे लावा प्रवाह की चेतावनी दी है. स्थानीय सरकार ने अगले 58 दिनों के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है, जिसका मतलब है कि केंद्र सरकार 10,000 प्रभावित निवासियों को सहायता प्रदान करने में मदद कर सकती है. अधिकारी अभी भी निकाले गए लोगों की संख्या के बारे में डेटा एकत्र कर रहे हैं. वहीं मौमेरे शहर में स्थित निकटतम हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
इसके पहले भी कई बार फटा ज्वालामुखी
इंडोनेशिया "पैसिफिक रिंग ऑफ फायर" पर स्थित है, जो कई टेक्टोनिक प्लेटों के ऊपर अधिक भूकंपीय गतिविधि वाला क्षेत्र है. यह विस्फोट कई विस्फोटों के बाद हुआ है. मई में हलमाहेरा द्वीप पर एक ज्वालामुखी, माउंट इबू के फटने से सात गांवों से लोगों को निकाला गया. वहीं उत्तरी सुलावेसी के रुआंग ज्वालामुखी में भी मई में विस्फोट हुआ और अधिकारियों को 12,000 से अधिक लोगों को निकालने पड़ा था. मई में पश्चिमी सुमात्रा प्रांत में माउंट मारापी से अचानक आई बाढ़ और ठंडे लावा के प्रवाह ने 60 से अधिक लोगों की जान ले ली थी.
यह भी पढ़ें- कनाडा में ऐसा पहली बार! खालिस्तानी झंडे ले हिंदू मंदिरों पर हमला बोलने क्यों पहुंच गए उपद्रवी? जानें, इनसाइड स्टोरी