Indonesia Protest Reason: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में क्या हुआ है, इस बात से पूरी दुनिया वाकिफ है. बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही थी, लेकिन फिर आरक्षण को लेकर ऐसा बवाल मचा कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़कर भागना पड़ा. अब बांग्लादेश अस्थिरता से घिरा हुआ है और ठीक ऐसा ही हाल दुनिया के सबसे बड़े इस्लामिक देश का होने वाला है. हम यहां इंडोनेशिया की बात कर रहे हैं, जहां बांग्लादेश की तरह की विरोध प्रदर्शन हुआ है.
भारत के पड़ोस में मौजूद इंडोनेशिया अपनी तरक्की के लिए दुनियाभर में नाम कमा रहा है. देश में बुलेट ट्रेन दौड़ चुकी है और जगह-जगह बेहतरीन कनेक्टिविटी है. अरबों की लागत से नई राजधानी भी तैयार की जा रही है. हालांकि, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को अपनी सरकार के जरिए की गई तरक्की रास नहीं आ रही थी. तभी उन्होंने अपने बेटे को सत्ता सौंपने के लिए नियम बदलना चाहा और फिर मुल्क में ऐसी आग लगी कि उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े गए.
इंडोनेशिया में बवाल की वजह क्या है?
दरअसल, जोको विडोडो अक्टूबर में राष्ट्रपति पद से हटने वाले हैं. इसके बाद उनकी सत्ता में वापसी मुश्किल है. वह पहले से ही अपने बड़े बेटे जिब्रान राकाबुमिंग राका को उपराष्ट्रपति बना चुके हैं. विडोडो ये सोच रहे थे कि जब वह राष्ट्रपति पद से हटें तो उनकी जगह उनके छोटे बेटे को ये पद सौंपा जाए. मगर इंडोनेशिया में चुनाव लड़ने की न्यूनतम उम्र 30 साल है, जबकि उनके छोटे बेटे केसांग पंगारेप की उम्र 29 साल ही है. इस वजह से उनकी सरकार संसद के जरिए देश के जनप्रतिनिध कानून में बदलाव करना चाह रही थी.
देश की कोर्ट ने पहले ही जोको विडोडो के न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया. ऐसे में वह संसद के जरिए कानून में संशोधन करना चाहते हैं. सरकार के इस कदम के खिलाफ पिछले कुछ समय से देश में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे थे, जो पिछले दिनों काफी ज्यादा तेज हो गए. लोगों प्रदर्शन करते हुए संसद तक आ पहुंचे. देश में बढ़ते बवाल को देखते हुए राष्ट्रपति जोको विडोडो की सरकार झुक गई है और उसने जनप्रतिनिध कानून में बदलाव के लिए लाए जाने वाले विधेयक पर चर्चा को अगले सत्र के लिए टाल दिया है.
यह भी पढ़ें: दुनिया के टॉप-10 मुस्लिम आबादी वाले देश कौन से हैं? इस देश में मुसलमानों की सबसे अधिक आबादी