इंडोनेशिया: सुनामी में लाइव परफॉर्मेंस के दौरान बह गया म्यूजिकल बैंड, तबाही में अब तक 281 की मौत
सीएनएन के मुताबिक, बैंड सरकार के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रिक कंपनी पीएलएन द्वारा आयोजित एक शो के बिल्कुल बीच में था. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि इंडोनेशिया में शनिवार रात ज्वालामुखी विस्फोट के बाद आई सुनामी में 222 लोगों की मौत हो गई है और ये संख्या लगातार बढ़ रही है.
जकार्ता: इंडोनेशिया के सुंडा स्ट्रेट पर रविवार को सुनामी आने से एक बीच के पास परफॉर्म कर रहा फेमस इंडोनेशियाई रॉक बैंड बह गया. सोशल मीडिया पर शेयर की गई फुटेज में दिख रहा है कि एक बड़ी लहर रिजॉर्ट में लगे टेंट से टकराई, जहां रॉक बैंड सेवंटीन प्रस्तुति दे रहा था. बीबीसी के मुताबिक, बैंड के सदस्य बहते हुए दिखाई दिए और लहरों ने मंच को तबाह कर दिया. एक साल में दूसरी बार आई सुनामी में अब तक 281 लोगों की मौत हो गई है.
आंसुओं से भरे एक इंस्टाग्राम वीडियो में गायक रीफियान फजरस्याह ने कहा कि बैंड के बेस प्लेयर और रोड मैनेजर की मौत हो गई, जबकि बैंड के बाकी तीन सदस्य और उनकी पत्नी लापता हैं. उन्होंने कहा, "कृपया प्रार्थना कीजिए कि हम एंडी, हर्मन, उजांग और मेरी पत्नी को ढूंढ़ पाएं." बैंड के एक सदस्य जैक ने इंस्टाग्राम पर कहा कि उसने मंच का एक हिस्सा पकड़ लिया था, जिसके कारण वो बच गया और "अंतिम क्षणों (पानी के भीतर) में मैं हांफते हुए वहां से भागा."
सीएनएन के मुताबिक, बैंड सरकार के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रिक कंपनी पीएलएन द्वारा आयोजित एक शो के बिल्कुल बीच में था. अधिकारियों ने रविवार को कहा कि इंडोनेशिया में शनिवार रात ज्वालामुखी विस्फोट के बाद आई सुनामी में 281 लोगों की मौत हो गई है और ये संख्या लगातार बढ़ रही है.
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा शमन एजेंसी के जनसंपर्क प्रमुख सुतोपो पुरवो नुग्रहो ने कहा कि स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे तक 843 लोग घायल हुए हैं और 28 लोग अभी भी लापता हैं. सुतोपो ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "इस संख्या में वृद्धि जारी रहेगी, क्योंकि सभी जगहों की तलाशा नहीं ली गई है."
आपको बता दें कि ये सुनामी एक ज्वालामुखी के फटने से आई. इसकी वजह से उठी लहरों ने सैंकड़ों बिल्डिंगों को तबाह कर दिया. अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार लहरों ने दक्षिणी सुमात्रा के किनारे को रात 9.30 मिनट पर हिलाकर रख दिया. सुनामी शनिवार को तब आई जब काराकोटा के "बच्चे" के तौर पर जाने जाने वाली ज्वालामुखी फट गई.
भूकंप और ज्वालामुखी के फटने से आने वाली सुनामी में से फर्क होता है कि भूकंप से आने वाली सुनामी का अलर्ट सिस्टम मौजूद है. ऐसे में अधिकारी भूकंप आने से पहले मिली जानकारी के मुताबिक राहत और बचाव की तैयारियां कर सकते हैं. लेकिन ज्लावामुखी से आने वाली सुनामी के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज ने कहा कि 'शक्तिशाली लहरें' 30-90 सेंटीमीटर (1-3 सेंटीमीटर) की ऊंचाई तक उठ रही थीं.
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