जकार्ता: इंडोनेशिया की महिलाएं हिंसक आतंकवाद में काफी सक्रिय भूमिका निभना चाहती हैं और इनमें से कई इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह में आत्मघाती हमलावर भी बनना चाहती हैं. एक प्रमुख सुरक्षा थिंक टैंक ने यह चेतावनी दी है. जकार्ता के ‘इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी एनालिसिस ऑफ कांफ्लिक्ट’ (आईपीएसी) की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बढ़ती समस्या उस समय सामने आई जब पिछले दिसंबर में दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले इस देश में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया था जो कथित तौर पर आईएस में आत्मघाती हमलावर बनना चाहती थी.

इंडानेशिया में कई लोग जिन्होंने इस्लामिक आतंकवाद के साथ एक लंबी लड़ाई लड़ी है. वे पश्चिम एशिया में आईएस से जुड़ना चाहते हैं और देश के कट्टरपंथियों ने समूह के साथ निष्ठा बनाए रखने का संकल्प लिया है. अध्ययन के अनुसार, ‘‘ विश्व के अन्य हिस्सों की तरह अब आतंकवादी संगठनों में शामिल इंडोनेशियाई महिलाएं भी अब भयानक गतिविधियों में हिस्सा ले रही हैं.’’ कल जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का नाता आईएस की अपील से तो है ही लेकिन सोशल मीडिया की भी इसमें अहम भूमिका है क्योंकि महिलाएं इस पर जिहादियों के संदेश पढ़ सकती हैं साथ ही कट्टर फोरम की बातचीत में भी हिस्सा ले सकती है.