अमेरिका: मैरीलैंड प्रांत में सबसे ऊंची अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया है. निचली अदालत ने एक महिला को अपने बच्चे के साथ सोने से हुई मौत का कारण बताते हुए 20 साल की सजा सुनाई थी. महिला शराब पीने के बाद चार महीने के नवजात के साथ एक ही बिस्तर पर सो गई थी. सुबह में नवजात को मृत अवस्था में पाया गया. नवजात की हत्या के आरोप में निचली अदालत में महिला के खिलाफ मुकदमा चला. अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद महिला को बच्ची की मौत का दोषी ठहराया.
ऊंची अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटा
अदालत का कहना था कि बच्ची के पास सोने से मासूम का दम घुट गया जिसके चलते उसकी मौत हो गई. बच्ची के साथ एक ही बिस्तर का साझा करना अदालत की नजर में अपराध माना गया. मगर 2013 के फैसले को रद्द करते हुए बड़ी अदालत ने कहा कि एक ही बिस्तर पर सोना कोई अपराध नहीं है. महिला बहुमत आधारित फैसले में कहा गया कि इस बात के सबूत नहीं मिले जिससे महिला को घोर लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया जा सके. जजों ने बच्ची के साथ सोने को महिला के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की वकालत नहीं की. फैसले में कहा गया, "चार महीने के नवजात के साथ शराब पीने के बाद को-स्लीपिंग गंभीर रूप से शारीरिक नुकसान या मौत का खतरा पैदा नहीं करता है."
'नवजात के साथ एक ही बिस्तर पर सोना अपराध नहीं'
अमेरिका में साथ सोने से बच्चों की हर साल 35 सौ मौत होती है. सेंटर फॉर डीजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, अचानक से दम घुंटना और अज्ञात कारण मौत की वजन माने गए. मगर एक ही बिस्तर पर सोने की बात का समर्थन नहीं किया गया. एक दशक पहले बालटीमोर के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नवजात के साथ सुरक्षित सोने की आदतों को लेकर जागरुकता अभियान चलाया था जिससे नवजात की मौत को कम किया जा सके. अभियान का मकसद नवजात को अकेले सोने देने का संदेश देना था.
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