Sri Lanka Inflation: श्रीलंका में मंहगाई की मार, टमाटर 200 रुपये किलो तो मिर्च 700 के पार, दूध के दाम में भी बेतहाशा इजाफा
Inflation Rate: श्रीलंका इस समय अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1.6 बिलियन डॉलर तक गिर गया, जो कुछ हफ्तों के आयात के लिए ही पर्याप्त था.
Sri Lanka Vegetable Price Hike: भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है. श्रीलंका में इस समय रोजाना खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है. यहां एक महीने में खाने पीने की चीजें 15 फीसदी तक महंगी हो गई है. 100 ग्राम मिर्च की कीमत बढ़कर 71 रूपए हो गई है यानी अब एक किलो मिर्च 700 रूपए से भी अधिक कीमत पर बिक रही है. महीने भर में मिर्च की कीमत में 250 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
सब्जियों के दाम बढ़ जाने से आम आदमियों के जीवन पर काफी बड़ा असर पड़ा है. लगभग 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका इस समय अपने इतिहास की सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. नवंबर के अंत तक इसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 1.6 बिलियन डॉलर तक गिर गया, जो केवल कुछ हफ्तों के आयात के लिए भुगतान करने के लिए ही पर्याप्त था.
जिस वजह से सरकार को कई आवश्यक वस्तुओं के आयात को प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर होना पड़ा जिससे श्रीलंका में खाद्य और जरुरी सामाग्री की किल्लत बढ़ गई और उसके कराण आवश्यक आवश्यकताओं की चीजें काफी महंगी हो गईं हैं.
श्रीलंका में पिछले चार महीनों में, एक मानक रसोई गैस सिलेंडर की कीमतो में लगभग 85% की वृद्धी आंकी गई है. श्रीलंका में आयात नहीं हो पाने से दूध की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक श्रीलंका अपने देश में खाद्यान्न की एक बड़ी मात्रा के लिए आयात पर निर्भर रहता है पर वर्तमान में श्रीलंका विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है. जिसका सीधा प्रभाव उसकी खाद्यान्न आवश्यकताओं पर पड़ा है.
श्रीलंका में सब्जियों की कीमत
बैंगन- 160 रुपए / किलो
करेला- 160 रुपए / किलो
भिंडी- 200 रुपए / किलो
टमाटर- 200 रुपए / किलो
बंदगोभी- 240 रुपए / किलो
बींस- 320 रुपए / किलो
जानकारों ने बताया कि श्रीलंका को 2019 में पर्यटन से लगभग $4 बिलियन की कमाई हुई लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इस पर लगभग 90% तक प्रभाव पड़ा है जिससे भी अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हुई है. एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए 31 वर्षीय निलुका दिलरुक्षी कहती हैं कि वह पहले रोज अपने बच्चों को मछली और सब्जियां देती थी. अब हम उन्हें चावल के साथ एक सब्जी दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले हम एक दिन में तीन बार भोजन करते थे लेकिन अब कभी-कभी हम केवल दो ही बार भोजन कर पाते हैं.
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