Natural Disaster: कहीं आसमान से बरसी आफत तो कहीं समंदर ने ढाया कहर! 2022 में बीमा कंपनियों को चुकाने पड़े अरबों
Climate Change: जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के कई देश आर्थिक तौर पर कमजोर हो गए. बीमा कंपनियों को जलवायु परिवर्तन की वजह से अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है.
Climate Change Insurance Losses Billions: प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जानमाल के नुकसान का खामियाजा सबसे ज्यादा बीमा कंपनियों को भुगतना पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में पिछले साल (2022) में आए तूफान इयान ने भारी तबाही मचाई थी. बाइडेन सरकार को फ्लोरिडा में आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी थी. नुकसान का आंकलन करना काफी मुश्किल हो रहा था. फिर भी सितंबर में आए इस भीषण तूफान की वजह से करीब 60 बिलियन डॉलर की बीमा क्षति हुई थी. साल 2022 में अमेरिका में इयान तूफान और ऑस्ट्रेलिया में आई बाढ़ ने सुर्खियां बटोरी थी. इस प्राकृतिक आपदा में भारी संख्या में सरकारी और निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ था.
जलवायु परिवर्तन से हो रहा आर्थिक नुकसान
म्यूनिख रे की वार्षिक टैली के मुताबिक पिछले साल बीमा घाटा 97 बिलियन डॉलर से अधिक है. दूसरी तरफ म्यूनिख रे के मुख्य जलवायु वैज्ञानिक अर्न्स्ट राउच ने बताया कि मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह के घाटा होना सामान्य सी बात है.
कितना हुआ नुकसान
साल 2022 में प्राकृतिक आपदाओं से कुल नुकसान 270 बिलियन डॉलर था. इनमें कईयों के बीमा कवर नहीं हुआ था. ऑस्ट्रेलिया में साल की शुरुआत में और फिर अक्टूबर में आई बाढ़ के कारण बीमा घाटा 4.7 बिलियन डॉलर और ओवर ऑल 8.1 बिलियन डॉलर का भारी नुकसान हुआ. पाकिस्तान की बात करें तो यहां भी जलवायु परिवर्तन की वजह से देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. पाकिस्तान में रिकॉर्ड मानसूनी बारिश और ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने के कारण देश ने भारी बाढ़ का सामना किया. पाकिस्तान बाढ़ में करीब 1700 लोग मारे गए थे. इस वजह से सरकार को 15 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था.
वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है आने वाले समय में स्थिति बद से बदतर होने वाली है. वहीं, कई देशों, इलाकों में भीषण प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए कई बीमा कंपनियों ने कवरेज प्रदान करना बंद कर दिया है.
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