नई दिल्ली:  भारत और चीन की सेनाओं के बीच में एलएसी पर टकराव चल रहा है, ऐसे समय में चीन और पाकि‌स्तान की सेनाएं भारत के खिलाफ साजिशों की पींग बढ़ा रहे हैं. इंटेलीजेंस‌ एजेंसियों ने सेना और सरकार को चीन और पाकिस्तान के इस सैन्य-गठजोड़ के बारे में आगाह किया है. खुफिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल ही में पाकिस्तानी सेना के एक प्रतिनिधिमंडल ‌ने बीजिंग का दौरा किया था. इस दौरान चीन ने पाकिस्तान को कॉम्बेट ड्रोन (अटैक ड्रोन) और लॉन्ग रेंज मिसाइल डिफेंस‌ सिस्टम देने का वादा किया है.


भारत की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन पाकिस्तान को सीएच-4 यूसीएवी यानि अनमैंड कॉम्बेट एरियल व्हीकल देने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, इन 'चांग-होंग' आर्मड-ड्रोन को चीन इसी साल पाकिस्तान को सौंपना शुरू कर सकता है.


एबीपी न्यूज को मिल एक्सक्लुज़िव जानकारी के मुताबिक, खुफिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस पाकिस्तान के दस सदस्यों का एक दल एक सैन्य अधिकारी की अगुवाई में चीन के दौरे पर भी गया था. ये इस‌ टीम की चीन की दूसरी यात्रा थी. इससे पहले दिसंबर 2019 में भी पाकिस्तान की टीम ने यूसीएवी ड्रोन्स की पहले खेप के लिए चीन का दौरा किया था.


जानकारी के मुताबिक, चीन के ये आर्म्ड-ड्रोन, बम और मिसाइलों से लैस हैं और गोलाबारी के जरिए हमला कर सकते हैं. ये ड्रोन ठीक वैसे हैं जैसे अमेरिका ने अफगानिस्तान में आतंकी संगठन अल-कायदा के खिलाफ इस्तेमाल किए थे.


चीन की सरकारी मीडिया, शिंहुआ ने सीएच-4 को 'ड्रोन की एके-47' का नाम दिया है.‌ चीन अभी तक अल्जीरिया, सऊदी अरब और मिस्र जैसे देशों को ये सीएच-4 ड्रोन दे चुका है. लेकिन इनके क्रैश होने की खबरें भी लगातार आती रहती हैं.


आपको बता दें कि भारत के पास भी अभी तक इस तरह के अटैक-ड्रोन नहीं हैं. भारत के पास जो इजरायल के दिए हुए हेरोन ड्रोन हैं उन्हें आर्म्ड करने की प्रक्रिया अब शुरू की जा रहा है. ये भी माना जा रहा है कि अमेरिका अपने कॉम्बेट-ड्रोन्स के बेचने पर लगी पाबंदी हटा सकता है, जिसके बाद भारत अमेरिका से इस तरह के यूएवी खरीद सकता है.


कॉम्बेट ड्रोन के अलावा भारत की खुफिया रिपोर्ट्स में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि चीन से पाकिस्तान जैमिंग टारगेट ड्रोन भी खरीदने जा रहा है. ये वे ड्रोन हैं जो किसी भी देश के इलेक्ट्रोनिक सिस्टम से लेकर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर्स को जाम कर सकते हैं. साथ ही पाकिस्तान चीन से एंटी जैमिंग फिक्सड टारगेट भी ले रहा है.


जानकारी के मुताबिक, पिछले महीने ही चीन के एएलआईटी यानी कि एरोस्पेस इंटरनेश्नल ट्रेड कंपनी और शंघाई स्पेस टैक्निकल रिसर्च इंस्टिट्यूट के बीच चीन के एलवाई- 80 रडार और एफएन-60 पोर्टेबल एयर डिफ़ेंस सिस्टम की तकनीक को ट्रांसफ़र ऑफ़ टेक्नॉलजी (टीओटी) के जरिए पाकिस्तान को देने को लेकर बैठक हुई थी.


चीन ने पाकिस्तान को एडवान्सड लॉन्ग रेंज एयर एंड मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम की पेशकश भी की है. बाक़ायदा इसके लिए पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय, जीएचक्यू ने चीन में पाकिस्तान के डिफ़ेंस अटैचे (डीए) से इस बावत 24 जुलाई को संपर्क किया है.


आपको यहां पर ये बताते चलें कि हाल ही में पाकिस्तान ने अपनी सेना के एक बड़े अफसर को बीजिंग स्थित पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) सेना के हेडक्वार्टर में तैनात किया है. ताकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच संपर्क और सहयोग बढ़ाया जा सके.


इससे पहले पाकिस्तान ने चीन की मदद से जेफ17 फाइटर जेट तैयार किया था. इसके अलावा चीन पाकिस्तान के लिए आठ (08) पनडुब्बियां बना रहा है. साफ है कि चीन हो या पाकिस्तान अकेले अपने दम पर भारत से लड़ने में सक्षम नहीं है, इसीलिए भारत को दो-तरफ घेरने में जुटे हैं. लेकिन भारत पहले ही साफ कर चुका है कि टू-फ्रंट वॉर यानि दोनों मोर्चों पर लड़ने के लिए तैयार है.


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