International Airfares: अंतरराष्ट्रीय हवाई किराया हो सकता है सस्ता, भारत ने 116 देशों के साथ किया समझौता
International Airfares May Get Cheaper: ट्रैवल इंडस्ट्री (Travel Industry) के विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के इस कदम से जहां यात्रियों को फायदा होगा, वहीं हवाई किराए में भी कमी आ सकती है.
International Airlines: भारत सरकार (Indian Government) ने 116 देशों के साथ द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौतें (Bilateral Air Service Agreements) किए हैं जिसके तहत विदेशी एयरलाइंस (Foreign Airlines) को देश के महानगरों (Metropolitan Cities) में और फ्लाइट्स (lights) जोड़ने के लिए भारत में संचालन की अनुमति दी है. भारत ने जिन देशों के साथ द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण अमेरिका के देश शामिल हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ट्रैवल इंडस्ट्री (Travel Industry) के विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के इस कदम से जहां यात्रियों को फायदा होगा और वहीं हवाई किराए में भी कमी आ सकती है.
‘यात्रियों को होगा फायदा’
एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप के ग्रुप बिजनेस डेवलपमेंट (Group Business Development) की निदेशक अंजू वरिया ने बताया, "सीट क्षमता बढ़ाने के लिए अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौता करना और विदेशी एयरलाइंस के लिए ‘खुली आकाश नीति’ रखना अच्छा है क्योंकि इससे यात्रियों को फायदा होगा."
सरकार ने यह भी कहा है कि वर्तमान में विदेशी एयरलाइंस के पक्ष में प्वाइंट ऑफ कॉल (Point Of Call) की संख्या में महत्वपूर्ण असंतुलन के कारण, वह किसी भी गैर-मेट्रो एयरपोर्ट को पैसेंजर सर्विस के संचालन के उद्देश्य से विदेशी एयरलाइन को नए प्वाइंट ऑफ कॉल के रूप में नहीं दे रही है.
भारतीय नामित एयरलाइन भारत द्वारा विदेशों के साथ हुए द्विपक्षीय समझौते के दायरे में कन्नूर इंटरनेशल एयरपोर्ट सहित किसी भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आने-जाने के लिए शेड्यूल्ड ऑपरेशन (Scheduled Operation) को माउंट करने के लिए स्वतंत्र हैं.
लंबे समय से ट्रैवल इंडस्ट्री कर रही है ये मांग
बता दें ट्रैवल इंडस्ट्री काफी समय से सरकार से मांग कर रही है कि मेट्रो एयरपोर्ट के अलावा अन्य शहरों से विदेशी एयरलाइंस को ऑपरेट करने की इजाजत दी जाए.
अंजू वरिया ने कहा, “भारतीय नामित एयरलाइंस (Airlines) किसी भी शहर से संचालन माउंट करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन एक विदेशी एयरलाइंस (Foreign Airlines)नहीं है. जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक मांग-आपूर्ति का अंतर रहेगा जो कीमतों को प्रभावित कर सकता है. ”
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