International Holocaust Remembrance Day: दुनिया शुक्रवार (27 जनवरी) को अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मरण दिवस (Holocaust Remembrance Day) मना रही है. हर साल ये दिवस 27 जनवरी को यहूदी नरसंहार के पीड़ितों की याद के तौर पर मनाया जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी नरसंहार की भयावहता से आज भी हर इंसान कांप उठता है. नाजियों और उनके सहयोगियों ने करीब लाखों यहूदियों का सफाया कर दिया था.


संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 42वें पूर्ण सत्र में 1 नवंबर, 2005 को 27 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मरण दिवस (International Holocaust Remembrance Day) के रूप में घोषित किया था. 


60 लाख यहूदियों का हुआ था नरसंहार


द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारी संख्या में यहूदियों का नरसंहार हुआ था. 1941 से 1945 के दौरान नाजी जर्मनी ने यूरोप में करीब 60 लाख यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया था. इजराइल ने होलोकॉस्ट के मद्देनजर बड़ी संख्या में यहूदियों को शरण दी थी. नाजी आक्रमण से पहले हंगरी करीब 9 लाख यहूदियों का घर था. इसकी सरकार नाजी जर्मनी के साथ संबद्ध थी, लेकिन जैसे ही सोवियत सेना हंगरी की ओर बढ़ी, नाजियों ने मार्च 1944 में अपने धुर सहयोगी को मित्र राष्ट्रों के साथ एक अलग शांति समझौता करने से रोकने के लिए आक्रमण किया. 


होलोकॉस्ट शिक्षा को बढ़ावा


इजराइल के आधिकारिक होलोकॉस्ट स्मारक याद वाशेम के आंकड़ों के मुताबिक इसके बाद के 10 महीनों में हंगरी में नाजियों और उनके सहयोगियों ने 5 लाख 68 हजार यहूदियों को मार डाला था. यरुशलम में होलोकॉस्ट स्मारक म्यूजियम 'याद वाशेम' अरब भाषी दुनिया में होलोकॉस्ट जागरूकता लाने का रास्ता खोलने के लिए काम कर रहा है. 


संयुक्त राष्ट्र की भूमिका


संयुक्त राष्ट्र (UN) नाजी शासन के पीड़ितों को याद करने और दुनियाभर में होलोकॉस्ट शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को चिन्हित करता है. इस साल की थीम होलोकॉस्ट पीड़ितों की दुर्दशा पर प्रकाश डालती है. इस वर्ष के होलोकॉस्ट स्मरण और शिक्षा का विषय 'घर और अपनापन' (Home and Belonging) है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह एक व्यक्ति को अत्याचार के शिकार लोगों के प्रति उसकी जिम्मेदारियों से अवगत कराता है.


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