Afghanistan Child Labor: अफगानिस्तान में तेजी से बढ़ रही चाइल्ड लेबर की संख्या, हर दिन 15 घंटे काम करने के लिए मजबूर- रिपोर्ट
Afghanistan: अफगानिस्तान में देश की आर्थिक तंगहाली की वजह से 78 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं. इसी वजह से उन्हें मजदूरी करनी पड़ रही है.

Afghanistan Child Labor: अफगानिस्तान में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) के प्रमुख ने देश में चाइल्ड लेबर की संख्या में हो रहे बढ़ोतरी को लेकर चेतावनी दी है. अफगानिस्तान में बढ़ रहे चाइल्ड लेबर जैसे गंभीर मुद्दें के बारें में बात करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तरफ से एक सभा का आयोजन किया गया था.
अफगानिस्तान में एक संयुक्त राष्ट्र की सभा में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) के प्रमुख रामिन बेहजाद ने कहा कि देश में साल 2020 से 2021 के बीच 10 लाख 60 हजार बच्चे काम कर रहे हैं, जिनकी उम्र 5 से 17 साल के बीच है.
अफगानिस्तान में 1 करोड़ 95 लाख बच्चे
टोलो न्यूज के मुताबिक अफगानिस्तान के लोक निर्माण मंत्रालय (MoPW) के प्रमुख शराफुद्दीन शराफ ने कहा कि देशभर में करीब दस लाख से अधिक बच्चे खतरनाक काम कर रहे हैं. इसके अलावा लगभग 20 लाख बच्चे अलग तरह का काम कर रहे हैं. अफगानिस्तान में 19.5 मिलियन (1 करोड़ 95 लाख) बच्चे मौजूद हैं.
इनमें से 1 करोड़ 14 लाख स्कूल जाते है. हालांकि 78 लाख बच्चे देश में बढ़ती गरीबी और आर्थिक समस्याओं के कारण स्कूल नहीं जा रहे हैं. 12 लाख बच्चे खतरनाक कामों से जुड़े हुए. राष्ट्रीय संघ के प्रमुख शराफ हमीदी ने कहा कि बच्चे देश में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, उनमें से कुछ 15 घंटे से अधिक काम करते हैं.
'हमारे बच्चे 24 घंटे में 15 घंटे से ज्यादा काम कर रहे'
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय संघ के प्रमुख शराफ हमीदी ने कहा कि किसी को भी एक हफ्ते में 35 घंटे से ज्यादा काम नहीं करना चाहिए लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे बच्चे 24 घंटे में 15 घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं. यूनिसेफ अफगानिस्तान ने ट्वीट किया कि देश में 5 में से 1 बच्चा चाइल्ड लेबर से जुड़े हुए है.
यूनिसेफ का टारगेट है कि अफगानिस्तान से चाइल्ड लेबर को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए. तालिबानी सरकार के सत्ता में आने के अफगानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय सहायता कम कर दी गई और विदेशों में देश की 9.5 अरब डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली गई.
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