संयुक्त राष्ट्र: जानीमानी शिक्षाविद और केरल सरकार की आर्थिक सलाहकार गीता गोपीनाथ को सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का प्रमुख अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया. आईएमएफ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं. उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं.
गीता की नियुक्ति की घोषणा करते हुए आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्दे ने कहा कि गोपीनाथ "दुनिया के उत्कृष्ट अर्थशास्त्रियों में से एक है और उनका पिछला रिकॉर्ड बेहद शानदार हैं और उन्हें वृहद अंतर्राष्ट्रीय अनुभव हासिल है."
लेगार्दे ने एक बयान में कहा, "वह इस महत्वपूर्ण अवसर पर हमारे शोध विभाग की अगुवाई करने के लिए माकूल हैं. मैं उन जैसी प्रतिभाशाली हस्ती का नाम हमारे मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में घोषित करते हुए आनंदित हूं." वह इस पद पर मौरिस ऑस्टफेल्ड की जगह लेंगी, जिन्होंने जुलाई में ही इस साल के अंत तक अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी.
कौन हैं गीता गोपीनाथ?
गीता गोपीनाथ ने अपनी एमए की डिग्री दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स से हासिल की है. वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र की जॉन ज्वानस्त्रा प्रोफेसर हैं.
गीता गोपीनाथ केरल के मुख्यमंत्री की आर्थिक सलाहकार भी हैं और हार्वर्ड में प्रकाशित उनके जीवन परिचय के मुताबिक, इस मानद पद पर उनकी नियुक्ति साल 2016 में हुई थी और उन्हें मुख्य सचिव का रैंक दिया गया है.
वह भारत के वित्त मंत्रालय के जी-20 सलाहकार समिति में प्रतिष्ठित सदस्य के रूप में शामिल रही हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय व्यापक अर्थशास्त्र और व्यापार पर किए गए शोध से साल 2001 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की है.
गीता गोपीनाथ साल 2005 में हार्वर्ड में शामिल हुईं, उससे पहले वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं. उन्होंने अपनी बैचलर की डिग्री लेडी श्रीराम कॉलेज, नई दिल्ली से हासिल की है.
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