हर साल 14 दिसंबर को इंटरनेशनल मंकी डे मनाया जाता है. हालांकि, इस दिन को मनाने के लिए यूएन द्वारा कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन फिर भी कई देशों में इसे मनाया जाता है. ये दिन बंदरों के लिए समर्पित होता है. दुनियाभर में बंदरों की करीब 260 प्रजातियां हैं जिनके बारे में कई लोगों को अभी पता नहीं है. ऐसे में इस दिन को बंदरों की प्रजातियों के बारे में और अधिक जानने के लिए भी मनाया जाता है.


दुनिया के कई देशों में 14 दिसंबर को बंदरों के लिए खास कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस दिन लोग वैसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं जहां बंदरों की तादाद बड़ी होती है. वे लोग वहां पहुंचकर बंदरों को खाना खिलाते हैं. साथ ही साथ उनके साथ मस्ती भी करते हैं. कई स्कूलों में सेमिनार का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक शामिल होते हैं. सेमिनार के जरिए लोगों को बंदरों की प्रजातियों से अवगत कराया जाता है. उन्हें बताया जाता है कि कैसे बंदर भी इंसानों की तरह बर्ताव करते हैं.


ऐसे हुई इंटरनेशनल मंकी डे की शुरुआत 


इंटरनेशनल मंकी डे की शुरुआत साल 2000 में हुई. केसी सॉरो और एरिक मिलीकिन ने इस दिन को पहली बार सेलिब्रेट किया था. उन्होंने लोगों से इस दिन को ख़ास तौर पर मानने की अपील भी की थी. उनका उद्देश्य बंदरों के बारे में बताना था. वे चाहते थे कि लोग बंदरों के बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़ें और उनका भी उसी तरह ख्याल रखें, जैसे वे किसी पालतू जानवर का रखते हैं.


लोगों को किया जाता है जागरूक 


जानकारी के लिए बता दें कि इंटरनेशनल मंकी डे पर हर साल दुनिया के कई चिड़ियाघरों में कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं. कुछ देशों में लोगों को जागरूक करने के लिए कला प्रदर्शन का भी आयोजन किया जाता है.


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