International Mountain Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस आज, जानिए क्या है थीम, इतिहास और महत्व
International Mountain Day History: संयुक्त राष्ट्र (UN) ने पहाड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए साल 2002 को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया था.
International Mountain Day 2022: हर साल 11 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस मनाया जाता है. दुनियाभर में मौजूद पहाड़ प्रकृति के अहम अंग हैं. पहाड़ों का संरक्षण करते हुए सतत विकास को प्रोत्साहित करना ही इस दिवस को मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य है. संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने इंसानों के जीवन में पहाड़ों के महत्व और अहम भूमिका को पहचानने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस को मनाने की परंपरा की शुरुआत की.
संयुक्त राष्ट्र ने पहाड़ों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए साल 2002 को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया था. यूएन की ओर से इस घोषणा के बाद पहली बार 11 दिसंबर 2003 को पहला अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया गया था.
अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस की थीम
हर साल अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है. इस साल इसका विषय महिलाओं से जुड़ा है. साल 2022 के अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस का विषय 'Women Move Mountains' है. अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस 2022 पर्वतीय महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत पर जोर देता है. पहाड़ों में अवसरों और क्षमता विकास को साझा करके ये दिवस लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है. इससे समाजिक न्याय को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद बढ़ती है.
क्या है इतिहास?
पहाड़ों के संरक्षण को लेकर दुनिया का ध्यान 1992 में गया, जब पर्यावरण और विकास पर UN सम्मेलन में एजेंडा 21 के अध्याय 13 "नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र का प्रबंधन: सतत पर्वतीय विकास" पर जोर दिया गया. इस तरह के व्यापक समर्थन के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया. इस घोषणा के बाद पहली बार 11 दिसंबर 2003 को पहला अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया गया था. इसके बाद से इस खास दिवस को मनाने की परंपरा चली आ रही है.
अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस का महत्व?
अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस ने पहाड़ों की पारिस्थितिकी के मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए अहम भूमिका निभाई. इसका असर पर्वतीय पर्यटन (Mountain Tourism) पर भी पड़ता है. उसी का नतीजा है कि पिछले कुछ सालों में पर्वतीय पर्यटन की लोकप्रियता में इजाफा देखा गया है. ये वहां रहने वाले लोगों के लिए आर्थिक महत्व रखता है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद मिलती है.
हालांकि पर्यटकों की लापरवाही से पर्यावरण को नुकसान के साथ पर्वतीय पारिस्थितिक तंत्र (Mountain Ecosystems) के कमजोर पड़ने का भी खतरा बढ़ा है. ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य है कि वो अपने पर्यावरण की रक्षा कर जैव विविधता को बनाए रखने में योगदान दे.
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