दुनियाभर में आज अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जा रहा है. इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम ने सबसे पहले इस दिन को मनाने पर विचार किया और साल 1977 से ही इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई. दुनियाभर में अनेक संग्रहालय हैं, जहां टूरिस्ट जाना पसंद करते हैं. कई देशों में इस अवसर पर संग्राहालयों में एंट्री फ्री होती है.
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजिम के द्वारा हर साल अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस को मनाने के लिए एक थीम रखी जाती है. इस साल की थीम ‘संग्रहालय का भविष्य- पुनर्कल्पना और संरक्षण’ रखी गई है. इन थीमों को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग देश अपने यहां के संग्रहालयों के लिए पूरे साल काम करते हैं. आज के दिन लोगों को संग्रहालयों के इतिहास के बारे में भी बताया जाता है. जगह जगह सेमिनार का भी आयोजन किया जाता है. इस साल कोरोना वायरस महामारी की वजह से संग्रहालयों में जाना संभव नहीं है. हालांकि, घर बैठे इसे देखा जा सकता है. ऑनलाइन म्यूजियम टूर में भारत के किसी भी सरकार की देखरेख में आने वाले संग्रहालय का टिकट नहीं लगता है.
भारत के पहले संग्रहालय के बारे में जानिए
पश्चिम बंगाल के कलकत्ता (अब कोलकाता) में हावड़ा जंक्शन से चार किलोमीटर की दूरी पर एक महराबदार भव्य सफेद इमारत है, जिसके जालीदार छज्जे और हरे भरे कैंपस में चारो तरफ जाने वाले रास्ते के बीचोंबीच लगा सुंदर गोल फव्वारा इसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है. यह भारतीय संग्रहालय है जो दुनिया के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है. इसे दो फरवरी 1814 को खोला गया और यहां दुनियाभर की कई दुर्लभ कलाकृतियों और सहेजकर रखने लायक बहुत सी वस्तुओं का विशाल संग्रह है. संग्रहालय इतना बड़ा है कि इसमें दिलचस्पी रखने वालों को इसे पूरा देखने में कई दिन का समय लग सकता है.
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