World Economy Affected By American Frog And Snake: आप शायद कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि छोटे-छोटे जीव-जन्तुओं में दुनिया की अर्थव्यवस्था को हिला डालने की ताकत है. गुरुवार 28 जुलाई को प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक हमलावार नस्ल की प्रजातियों में आने वाले अमेरिकी बुलफ्रॉग (American Bullfrog) और ब्राउन ट्री स्नेक (Brown Tree Snake) ने दुनिया को अरबों रुपये की चपत लगाई है. साल 1986 और 2020 के बीच दुनिया को अनुमानित  16 बिलियन डॉलर का नुकसान इनके कारण हुआ है. इसमें फसल के नुकसान से लेकर बिजली की कमी तक वैश्विक आबादी को झेलनी पड़ी है.


यूरोप है सबसे अधिक परेशान
दुनिया भर में आक्रामक कीटों से हुए आर्थिक नुकसान का आकलन करने वाले वैज्ञानिकों ने पाया कि अमेरिकी बुलफ्रॉग और ब्राउन ट्री स्नैक ये दो प्रजातियां किसी भी अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक नुकसान के लिए जवाबदेह हैं. साइंटिफिक रिपोर्ट्स (Scientific Reports) में प्रकाशित शोध के मुताबिक भूरे और हरे रंग के मेंढक को लिथोबेट्स कैट्सबीयनस (Lithobates Catesbeianus) के रूप में जाना जाता है. इनका जिसका वजन 2 पाउंड से अधिक हो सकता है. यूरोप (Europe) में इसका सबसे अधिक प्रभाव देखा गया है.


प्रशांत द्वीप पर हैं बेहिसाब ब्राउन ट्री स्नैक
इन सांपों पर स्टडी के प्रमुख शोधकर्ता इस्माइल सोटो (Ismael Soto) चेक गणराज्य (Czech Republic) में दक्षिण बोहेमिया (Bohemia) विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र हैं. शोधकर्ता इस्माइल सोटो (Ismael Soto) ने बताया कि ब्राउन ट्री स्नेक को बोइगा इरेगुलारिस (Boiga Irregularis) भी कहा जाता है. ये सांप ग्वाम (Guam) और मारियाना ( Marianna) द्वीप सहित प्रशांत द्वीपों (Pacific Islands) पर अनियंत्रित रूप से कई गुना बढ़ गए हैं.


सांप बिजली गुल करने में माहिर
ब्राउन ट्री स्नेक यहां द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) के दौरान अमेरिकी (American) नौसैनिक गलती से लेकर आ गए थे. उन्होंने बताया कि कभी-कभी इन सांपों की आबादी इतनी बढ़ जाती है कि ये बिजली के उपकरणों पर रेंग कर बिजली तक गुल कर देते हैं. यहां सांपों की मौजूदा आबादी बड़े पैमाने पर बिजली कटौती का कारण बनती है. क्योंकि ये बिजली के तारों पर फिसलते हैं और महंगी क्षति का कारण बनते हैं. प्रशांत द्वीप पर दो मिलियन से अधिक ब्राउन ट्री स्नेक की आबादी है. ये ब्राउन ट्री स्नेक इस द्वीप के पारिस्थितिकी तंत्र पर भी असर डालते हैं. इनकी वजह से देशी जानवरों और जीवों के विलुप्त होने का एक बड़ा खतरा पैदा होता है.


अनोखा सांप पालने के शौक ने बढ़ाई आबादी
आजकल इस तरह की प्रजातियों को पालतू बनाने के शौक ने वैश्विक स्तर पर इनकी आबादी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. हर कोई विदेशी और अनोखे नस्ल का सांप पालना चाहता है. शोधकर्ता सोटो का कहना है कि हमलावार नस्ल की इन प्रजातियों के वैश्विक परिवहन को नियंत्रित के लिए निवेश की जरूरत है. सोटो ने रायटर को बताया, "हम व्यापार के लिए निषिद्ध प्रजातियों की ब्लैक लिस्ट को लगातार अपटेड करने का प्रस्ताव करते हैं."


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