Iran Schoolgirls Poisoning Cases: ईरान में किसने रची छात्राओं को जहर देने की साजिश? 110 से अधिक लोगों की हुई हैं गिरफ्तारियां
Poisonings Of Schoolgirls In Iran: ईरान में हिजाब के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों के कारण कट्टरपंथी संगठनों की ओर से कथित पर स्कूली छात्राओं को जहर दिया गया, ताकि विरोध की आवाज को दबाया जा सके.
Row Of Poisonings Schoolgirls In Iran: ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद स्कूली छात्राएं एकदम से बीमार पड़ने लगी थी. स्कूली छात्राओं को जहर देने की आशंका जताई गई थी. इस मामले में इस्लामी राष्ट्र की पूरी दुनिया ने कड़ी निंदा की थी. पहले ईरानी सरकार ने इससे इनकार किया, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि स्कूली छात्राओं को जहर दिया गया. ईरान की तस्नीम समाचार एजेंसी के मुताबिक अब इस मामले में संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है.
ईरानी पुलिस के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि कुछ स्कूलों में छात्रों को संदिग्ध रूप से जहर देने के मामले में 110 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधिकारी ने कहा, "पिछले कुछ हफ्तों के दौरान स्कूल में जहर देने के मामलों की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने स्कूलों के पास अपने गश्ती दल की संख्या बढ़ाकर 4,000 कर दी है.
100 से अधिक लोगों की हुई गिरफ्तारी
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी पुलिस अधिकारी ने कहा कि जहर देने के कुछ मामले वास्तविक थे, लेकिन अधिकांश मामले सिर्फ डर और चिंता में ही दर्ज कराए गए थे. वहीं ईरानी सरकार ने भी शनिवार (11 मार्च) को बताया था कि छात्राओं को जहर देने की हाल की घटनाओं में शामिल होने के आरोप में 11 प्रांतों में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सरकार ने कहा था कि कुछ मामलों में आपसी दुश्मनी के कारण ऐसा किया गया था. उन्होंने ही लोगों और छात्राओं के बीच भय और चिंता पैदा करने की कोशिश की.
UNSC की बैठक में उठा था मामला
बता दें कि 30 नवंबर को ईरान के क्यूम प्रांत में छात्राओं को जहर देने का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद 30 स्कूलों की 700 से अधिक छात्राओं को रहस्यमय तरीके से जहर दिए जाने की बात सामने आई है. हाल ही में जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की बैठक हुई, जिसमें ईरान का यह मामला उठाया गया था. कई देशों ने इस पर चिंता जाहिर की थी. ईरान के डिप्टी शिक्षा मंत्री ने भी स्वीकार किया कि कुछ लोगों ने लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के लिए ऐसा किया गया था. हालांकि बाद में वह अपने बयान से पलट गए थे.
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