Iran Hijab Row: ईरान में एक स्कूल पर छापेमारी के दौरान सुरक्षाबलों ने एक स्कूली छात्रा को इतना पीटा कि उसने दम तोड़ दिया. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षाबल चाहते थे कि स्कूल में बच्चे सरकार समर्थित गाना गाएं, लेकिन जब उन्होंने मना कर दिया तो इरानी सैनिक छात्रों को पीटने लगे.


रिपोर्ट्स के अनुसार ईरान के अर्दबील शहर में सैनिकों ने शहीद गर्ल्स हाईस्कूल में छापेमारी की थी. उन्होंने स्कूली छात्राओं को ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के सम्मान में गाना गाने के लिए मजबूर किया. वहां मौजूद 16 वर्षीय छात्रा असरा पनाही ने इसका विरोध किया तो सुरक्षाबल उसके साथ मारपीट करने लगे. यह घटना 13 अक्टूबर की बताई जा रही है. समन्वय परिषद शिक्षक सिंडीकेट्स के एक बयान के अनुसार, असरा पनाही इस घटना में घायल हुई कई छात्राओं में से एक थी, लेकिन पिटाई से आईं गंभीर चोटों के कारण असरा की बाद में मौत हो गई.


छात्रा की मौत के लिए सुरक्षाबल जिम्मेदार 
हालांकि ईरानी अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि छात्रा की मौत के लिए देश के सुरक्षाबल जिम्मेदार हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि असरा पनाही के कथित चाचा होने का दावा करने वाले एक शख्स ने टीवी पर कहा है कि उसकी मौत जन्म से ही मौजूद दिल की बीमारी से हुई है.


7 छात्र घायल, 10 गिरफ्तार
वहीं, शुक्रवार को असरा पनाही मौत के बाद, शिक्षक संघ ने रविवार को सुरक्षाबलों द्वारा इस क्रूर और अमानवीय छापेमारी की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और ईरान के शिक्षा मंत्री, यूसेफ नूरी के इस्तीफे की मांग की. इसके साथ ही एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले बुधवार को हुई इस घटना में सात छात्र घायल हो गए और 10 को गिरफ्तार कर लिया गया.


अमिनी की हिरासत में हुई थी मौत
मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी के मुताबिक, "मेटल पेलेट्स और पिटाई से कम से कम सात प्रांतों में 23 बच्चों की मौत हो गई है और कई घायल हो गए हैं." असरा पनाही की मौत ऐसे समय में हुई है जब एक महीने पहले ही देश में हिजाब को लेकर सरकार विरोधी प्रदर्शनों चल रहे हैं. इससे ईरान में अफरातफरी का माहौल है. यहां हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महसा अमिनी की हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद देश में चल रहा प्रदर्शन और भी तेज हो गया. 


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