Iran-Israel Attack: मिडिल ईस्ट में एक और जंग दस्तक दे चुकी है. हफ्तों से चल रहे तनाव के बाद ईरान ने रविवार (14 अप्रैल) को इजरायल पर हमला कर दिया. ईरान ने यह कदम सीरिया की राजधानी दमिश्क में अपने दूतावास पर इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले के जवाब में उठाया. इजरायल पर ईरानी सेना ने ड्रोन और मिसाइल से हमला किया है. गाजा में हमास और इजरायल के बीच चल रही जंग के बीच मिडिल ईस्ट में अब एक नया संकट खड़ा हो गया है.


ईरान ने 200 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों के जरिए इजरायल पर हमले को अंजाम दिया है. हालांकि, इनमें से ज्यादातर को इजरायली एयरस्पेस में घुसने से पहले ही इंटरसेप्ट कर लिया गया. अमेरिकी और ब्रिटिश एयरफोर्स ने ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही मार गिराने में इजरायल की मदद की है. इजरायल के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक मिलिट्री बेस पर मामूली नुकसान हुआ है. अभी तक इस हमले की वजह से किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है. 






UN में ईरान के हमले को लेकर बैठक


हमले को देखते हुए मिडिल ईस्ट के कई देशों ने अपने-अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं. इजरायल के पश्चिमी सहयोगियों और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ईरानी हमले की निंदा की है. इजरायल की मांग पर रविवार शाम 4 बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक होने वाली है. अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह इजरायल की मदद करने वाला है. वहीं, इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि ईरान के हमले का बदला जरूर लिया जाएगा. 






इजरायल पर हमले के बाद ईरान ने क्या कहा? 


ईरान ने कहा है कि इजरायली अपराधों की सजा के तौर पर हमला किया गया है. वह दमिश्क में हुए इजरायली हमले की ओर इशारा कर रहा था, जिसमें दो कमांडर समेत सात सैन्य अधिकारी मारे गए थे. संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने अमेरिका को इस मामले से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा है, "अगर इजरायल ने एक और गलती की तो ईरान का हमला और भी ज्यादा जोरदार होगा." इसने कहा कि मामले को अब खत्म समझा जाना चाहिए. 






इजरायल में वॉर कैबिनेट की बैठक


इजराइल के सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने हमले को टेंशन को गंभीर रूप से बढ़ाने वाला बताया है. उन्होंने कहा, "हमले की वजह से पहले से चल रहे तनाव में गंभीर और खतरनाक इजाफा हुआ है. ईरान के इस बड़े पैमाने के हमले से पहले ही हमारी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताएं पूरी तरह से तैयार थीं." इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तेल अवीव में वॉर कैबिनेट की बैठक बुलाई है. इसमें ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई पर फैसला होगा.






ईरान के हमले के लिए पहले से तैयार थे: नेतन्याहू


इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका देश ईरान की तरफ से सीधे हमले के लिए तैयारी कर रहा था. उन्होंने कहा, "हाल के वर्षों में खासतौर पर हाल के हफ्तों में इजरायल ईरान की तरफ से होने वाले सीधे हमले की तैयारी कर रहा था. हमारे डिफेंसिव सिस्टम तैनात हैं, हम किसी भी हालात के लिए तैयार हैं, फिर वो रक्षात्मक हो या आक्रामक. इजरायल मजबूत देश है. इजरायल की सेना मजबूत है और यहां की जनता भी ताकतवर है."






नुकसान पहुंचाने वाले को देंगे चोट: इजरायल के पीएम


बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खाई कि जो भी हमें नुकसान पहुंचेगा, उसे हम चोट पहुंचाने वाले हैं. उन्होंने कहा, "इजरायल के साथ खड़े होने के लिए हम अमेरिका की प्रशंसा करते हैं. साथ ही ब्रिटेन, फ्रांस समेत उन सभी देशों की जो हमारे साथ खड़े हैं. हमारा एक ही सिद्धांत है- जो हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उसे नुकसान पहुंचाएंगे. हम किसी भी खतरे से अपना बचाव करेंगे और ऐसा निष्ठापूर्वक और दृढ़ संकल्प के साथ करेंगे."


इजरायल के सहयोगियों ने क्या कहा?


अमेरिका ने कहा है कि वह इजरायल को ईरान से बचाने के लिए उसकी मदद करेगा. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एड्रियन वाटसन ने कहा, "राष्ट्रपति जो बाइडेन बिल्कुल स्पष्ट हैं कि इजरायल को हमारा समर्थन बिल्कुल जारी रहेगा. अमेरिका इजरायल के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और ईरान से इन खतरों के खिलाफ उनकी रक्षा का समर्थन करेगा."


जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा, "ईरान के जरिए इजरायल पर किया गया हमला गैरजिम्मेदाराना है. इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता. ईरान को आग लगने का खतरा है. हम इजरायल के पक्ष में खड़े हैं और अब अपने सहयोगियों के साथ आगे की हर बात पर चर्चा करेंगे."


ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी ईरान के हमले की निंदा की है. उन्होंने कहा, "मैं इजरायल के खिलाफ ईरानी शासन के लापरवाह हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. इन हमलों से तनाव बढ़ने और क्षेत्र के अस्थिर होने का खतरा है. ईरान ने एक बार फिर दिखाया है कि वह अपने ही क्षेत्र में अराजकता बोने पर आमादा है. ब्रिटेन इजरायल, जॉर्डन और इराक सहित हमारे सभी क्षेत्रीय भागीदारों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा."


यूरोपियन यूनियन ने ईरानी हमलों के बाद कहा, "हम इजरायल के खिलाफ अस्वीकार्य ईरानी हमले की कड़ी निंदा करते हैं. यह टेंशन बढ़ाने वाला और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है."


यह भी पढ़ें: सेना, फाइटर जेट से परमाणु हथियार तक... जानिए इजरायल और ईरान में कौन ज्यादा पावरफुल?