Iran Alireza Akbari: ईरान की सरकार ने देश के पूर्व रक्षा मंत्री अली रज़ा अकबरी को बुधवार (11 जनवरी) को फांसी की सजा सुनाई है. उन पर ब्रिटेन के लिए जासूसी करने के आरोप में सजा सुनाई गई है. उनके पास ब्रिटेन और ईरान की दोहरी नागरिकता है. वो ब्रिटेन जाने से पहले तक ईरान में एक बड़े पद पर काबिज थे.
उन्हें साल 2019 में ब्रिटेन से लौटने के बाद M16 और ब्रिटेन विदेश मंत्रालय के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. उन पर ब्रिटेन को ईरान की खुफिया जानकारी साझा करने का आरोप लगाया गया. इस बात की जानकारी ईरान की सरकार ने बुधवार (11 जनवरी) को दी.
कौन हैं अली रजा अकबरी
- अली रजा अकबरी ईरान में मॉडरेट पॉलिटिक्स का उभरता चेहरा हैं.
- उनके पास ब्रिटेन और ईरान की दोहरी नागरिकता है. वो ब्रिटेन जाने से पहले ईरान में एक बड़े पद पर काबिज थे.
- ईरान के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के टॉप अधिकारी अली शामखानी की मदद से अली रजा पर सीक्रेट इंफॉरमेशन शेयर करने का आरोप लगाया गया है.
- उन पर आरोप है कि उन्होंने इस्लामिक कोड का उल्लंघन किया और विदेश में इंफॉरमेशन ट्रांसफर की. इससे देश की सुरक्षा पर खतरा बताया गया.
- अली रजा अकबरी को गिरफ्तार करने के बाद लगभग 10 महीने तक लगातार टॉर्चर किया गया. उनके बयान को 10 कैमरे के सामने रिकॉर्ड किया गया.
- वह ईरान में मोहम्मद खातमी के कार्यकाल में साल 1997 से लेकर 2005 तक देश के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर भी रह चुके हैं.
- द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, अकबरी ने ईरान परमाणु समझौते का समर्थन किया था, जिस पर साल 2015 में पश्चिम और तेहरान के बीच हस्ताक्षर किए गए थे.
- एक पर्सनल थिंक टैंक चलाने वाले पूर्व ईरानी अधिकारी अकबरी दस साल से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहे थे.
- उन्हें साल 2019 में ईरान के टॉप डिप्लोमैट के अनुरोध पर देश बुलाया गया था. ईरान पहुंचने के बाद पता चला की उन पर जासूसी का आरोप लगाया गया है.
लोकतांत्रिक शासन को समाप्त करने की मांग
ईरान सरकार के लिए मंत्री की दोहरी नागरिकता वाली बात और उस पर से फांसी की सजा सुनाने के बाद ब्रिटेन और ईरान दोनों तरफ से तनाव पैदा हो गया है. ईरान में कई महीनों से अलोकतांत्रिक शासन को समाप्त करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन भी चल रहा है. इस विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सरकार ने चार लोगो को मौत के घाट भी उतार दिया है. ब्रिटेन सहित कई पश्चिमी देशों ने ईरान की सरकार को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा करने और हाल ही में दी गई फांसी देने के लिए निंदा की है. इस कार्रवाई में शामिल अधिकारियों और समूहों पर बैन लगा चुका है.
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