Iran Hijab Law: ईरानी सरकार हिजाब के नियम में बदलाव लाने जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि मसा आमिनी के मौत के एक साल पूरे होने के 1 हफ्ते पहले ईरानी सरकार हिजाब पहनने को लेकर पहले से कड़े नियम लाने की तैयारी कर रही है. 22 वर्षीय मसा आमिनी की मौत पिछले साल पुलिस हिरासत में ठीक से हिजाब न पहनने को लेकर हुई थी, जिसके बाद व्यापक रूप में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.
CNN के रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी अधिकारी हिजाब पहनने पर एक नया विधेयक तैयार कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस नए विधेयक में पहले से ज्यादा कड़े दंड देने के प्रावधान शामिल हो सकते हैं. ईरान में आर्टिकल 70 के तहत तैयार किए गए ड्राफ्ट में कई प्रस्तावों को शामिल किया गया है. इनमें हिजाब न पहनने वाली महिलाओं को लंबी जेल की सजा का प्रावधान है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का इस्तेमाल
CNN ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि विधेयक अभी तक पारित नहीं किया गया है. इस विधेयक में हिजाब नियमों का उल्लंघन करने वाले मशहूर हस्तियों के लिए भी नए तरह के दंड को शामिल किया गया है. ऐसे में नियमों का उल्लंघन करने वाली महिलाओं की पहचान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
नए ड्रेस कोड से जुड़े नियम ईरानियों के लिए एक चेतावनी है. हालांकि, पिछले साल हिजाब के खिलाफ हुए भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद ईरानी सरकार ने हिजाब पर अपना रुख साफ रखा और किसी भी तरह की नियमों में ढिलाई नहीं दी.
हिजाब न पहनने पर सजा में बदलाव
ईरान पारंपरिक रूप से अपने इस्लामी दंड संहिता के अनुच्छेद 368 को हिजाब कानून मानता है. इसके अनुसार ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वालों को 10 दिन से लेकर दो महीने तक की जेल या 50,000 से 500,000 ईरानी रियाल के बीच जुर्माना हो सकता है. नया विधेयक हिजाब न पहनने को अधिक गंभीर अपराध के रूप में मानेगा, जिसके लिए पांच से दस साल की जेल की सजा के साथ-साथ 360 मिलियन ईरानी रियाल (8,508 अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना लगाएगा.
एक ईरानी मानवाधिकार वकील और कनाडा के ओटावा में कार्लटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर होसैन रायसी ने CNN को बताया कि यह जुर्माना औसत ईरानी जनता से भुगतान की जाने वाली राशि से कहीं अधिक है, क्योंकि लाखों लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं.