Iran executed Men: इस्लामिक मुल्क ईरान (Iran) में 3 लोगों को फांसी पर लटका दिया. उन लोगों पर आरोप था कि वे पिछले साल के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ईरानी सुरक्षा बलों के 3 सदस्यों की मौत में शामिल थे. इस मामले में ईरान की अदालत ने सजा-ए-मौत देने का आदेश दिया.
ईरान की अदालत ने ट्विटर पर एक बयान में कहा कि माजिद काज़ेमी, सालेह मिरहाशमी और सईद याघौबी को केंद्रीय शहर इस्फ़हान में शुक्रवार (19 मई) को मृत्युदंड दिया गया है, उन्होंने 16 नवंबर 2022 को बासिज अर्धसैनिक बल के दो सदस्यों और एक पुलिस अधिकारी को "शहीद" कर दिया था.
इस मुल्क में दी जा रही सबसे ज्यादा फांसी
ईरान ऐसा मुस्लिम देश है, जहां सबसे ज्यादा फांसी की सजा दी जाती है. शुक्रवार की घटना पर दुनिया के कई मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि 3 लोगों को सजा देने के लिए फास्ट ट्रैक्ड ट्रायल किया गया और उन्हें कठोर "यातना" देकर मारा गया. हालांकि, ईरानी हुकूमत इस बात से इनकार करती है.
मरने से पहले कहा था- हमें मारने मत दो
खबर है कि जिन लोगों को कल मृत्युदंड दिया गया, उन लोगों ने बुधवार को सार्वजनिक समर्थन के लिए एक हस्तलिखित नोट में अपील करते हुए कहा था, "हमें मारने मत दो". सोशल मीडिया पर वायरल हुए नोट में कहा गया, "हमें आपकी मदद की जरूरत है." मगर, उन्हें कोई रियायत नहीं मिली और सरेआम जान से मार दिया गया.
महसा अमिनी की हत्या के बाद शुरू हुए थे प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले साल राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत के बाद से वहां कम से कम सात प्रदर्शनकारियों को फांसी दी गई. वहां राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों की शुरूआत पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय ईरानी कुर्द महिला महसा अमिनी की 16 सितंबर को मौत के बाद हुई, लोगों ने देशभर में प्रदर्शन किया. उन प्रदर्शनों के वीडियो दुनियाभर में देखे गए.
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