Iran Hijab Row: हिजाब न पहनने पर देना पड़ेगा 49 लाख का जुर्माना, पासपोर्ट भी जब्त होगा, इस इस्लामिक मुल्क में बना कानून
Iran Hijab Protest: पश्चिमी एशियाई देश ईरान में अपने अधिकारों के लिए लड़ रहीं महिलाओं को एक नए कानून से बड़ा झटका लगा है. ईरान सरकार ऐसा कानून लाई है कि उसका उल्लंघन करने पर महिला पाबंद हो जाएंगी.
Iran Hijab News Today: कट्टर इस्लामिक कायदे-कानून वाले मुल्क ईरान (Iran) में महिलाएं अपने अधिकारों के लिए जूझ रही हैं. अब इस मुल्क ने उनकी परेशानियों को एक नए कानून के जरिए बढ़ा डाला है. दरअसल ईरान की संसद ने एक नया कानून महिलाओं के ड्रेस कोड को लेकर बनाया है. इस कानून के तहत अगर महिलाएं हिजाब नहीं पहनेंगी तो उन्हें 49 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है.
मीडिया ने ईरान के सांसद हुसैनी जलाली के हवाले से ईरान के नए कानून के इन प्रावधानों की पुष्टि की. जलाली ने कहा कि जुर्माने के अलावा लड़कियों-महिलाओं ने अगर नया ड्रेस कोड को फॉलो नहीं किया तो उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाएंगे. इसके साथ ही उनके इंटरनेट इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी लगा दी जाएंगी.
हिजाब पर ईरान सरकार का नया सख्त कानून
ईरान में पिछले 6 महीनों से हिजाब के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों के लिए ये नया कानून बड़ा झटका है. 2022 में यहां पर खुले-विचारों वाली महिलाएं और लड़कियां हिजाब पहनकर रखने का विरोध करने सड़कों पर उतरीं. इस दौरान पुलिस और कट्टरपंथियों ने कई लड़कियों की हत्या कर डाली. ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच 18 साल से कम उम्र के कई युवा मौत के घाट उतार दिए गए. दुनियाभर में इन घटनाओं पर ईरानी सरकार को दुत्कारा गया.
नाबालिगों को भी दी गई मौत की सजा
लड़कियों और महिलाओं के बढ़ते प्रदर्शनों से ईरानी सरकार का माथा ठनकने लगा. पिछले कुछ महीनों में ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई बड़े शहरों में महिलाएं सड़कों पर उतरी हैं, बड़ा प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब ईरान में पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी नाम की महिला की मौत हो गई थी, ये घटना सितंबर 2022 की है, इसके बाद मुल्क में व्यापक स्तर पर हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए.
'बारिश कम होने की वजह महिलाओं का हिजाब न पहनना'
ईरान में इस्लामी कायदे-कानूनों के नाम पर कितनी कट्टरता है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई के करीबी मोहम्मद मेहदी होसैनी ने कहा था कि कम बारिश होने की वजह महिलाओं का हिजाब न पहनना है. उन्होंने तर्क दिया कि सभी महिलाएं हिजाब पहनेंगी तो अल्लाह बारिश कराएंगे.
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