Iran Hijab Row: दुनियाभर में पहुंची हिजाब क्रांति की आग...ईरान में महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुआ था आंदोलन
Hijab Protest In Iran: ईरान से कनाडा तक, अमेरिका से ब्रिटेन तक दुनिया के अलग-अलग देशों से हिजाब के खिलाफ लोगों ने आवाज बुलंद कर दी है. ये आंदोलन महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुआ.
Iran Hijab Protest: हिजाब क्रांति (Hijab Revolution) की बुलंद आवाज अब बस ईरान में ही नहीं दुनिया के कई देशों में गूंजने लगी है. पिछले 11 दिन से ईरान में हिजाब के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं. विरोध की चिंगारी ज्वालामुखी बनकर ईरान के हर कोने में धधक उठी है. ईरान में तेहरान, बबोल, अमोल और फरदीस समेत करीब 46 शहरों में हिजाब के खिलाफ आवाज तेज हो गई है. प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरकर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. 17 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब विवाद बेहद आक्रामक होता जा रहा है.
ईरान में शोर...हिजाब NO MORE
ईरान की पुलिस (Iran Police) ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं, लेकिन हिजाब क्रांति को लेकर लोग टस से मस होने को तैयार नहीं. ईरान में अब बस एक ही है शोर...हिजाब NO MORE. वहीं यह शोर सिर्फ ईरान नहीं बल्कि स्वीडन से लेकर कनाडा और तमाम अरब देशों में भी सुनाई देने लगा है. हिजाब के खिलाफ ईरान की महिलाओं का साथ देने के लिए अलग-अलग मुल्कों में महिलाएं सड़कों पर दिखाई देने लगी हैं. ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, स्वीडन, सीरिया और कनाडा समेत कई देश हिजाब को लेकर मुखर हो गए हैं.
ईरान में प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग
ईरान में प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस लोगों पर गोलियां बरसा रही है. यही वजह है कि 11 दिन के प्रदर्शन में ईरान में 45 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. लगातार मौत की खबरों के बीच ये प्रदर्शन और ज्यादा उग्र होता जा रहा है. ईरान में हिजाब के खिलाफ आंदोलन का मुख्य चेहरा रहीं हदीस नजफी की मौत हो गई है. 20 साल की हदीस नजफी लगातार हिजाब के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं. खबरों के मुताबिक हदीस नजफी को 6 गोली मारी गई. इस्लामिक रिपब्लिक के सुरक्षाबलों ने सीने, चेहरे और गर्दन पर गोली मारी है. ईरान सरकार गोलियों के दम पर हिजाब के खिलाफ उठी इन आवाजों को खामोश करना चाहती है.
महसा अमीनी की मौत के बाद भड़की हिंसा
दरअसल, ईरान में हिजाब के खिलाफ उठ खड़े इस आंदोलन के पीछे महसा अमिनी (Mahsa Amini) की कहानी है. 22 साल की महसा अमिनी 13 सितंबर को कुर्दिस्तान से ईरान की राजधानी तेहरान अपने रिश्तेदारों से मिलने पहुंची थीं. महसा अमीनी के सिर पर हिजाब था, लेकिन ईरान के कानून के मुताबिक वो ठीक नहीं था, क्योंकि उससे महसा अमीनी के बाल दिखाई दे रहे थे. जिसके बाद ईरान की मोरल पुलिस महसा को अपने साथ ले गई. कहा गया कि महसा को एक घंटे की शिक्षा देने के लिए ले जाया जा रहा है.
ईरान मीडिया के मुताबिक जिस डिटेंशन सेंटर में महसा गई थी उसके बाहर उनका भाई मौजूद था और भाई ने महसा के चीखने की आवाज सुनी. अरेस्ट होने और अस्पताल जाने के बीच महसा को सिर्फ दो घंटे का वक्त लगा और ईरान सरकार ने कहा कि महसा को हार्ट अटैक आ गया. महसा कोमा में चली गईं और 16 सितंबर को उनकी मौत की खबर आई. महसा की मौत की खबर ईरान में आग की तरह फैली और सालों से दबा गुस्से का ज्वालामुखी फट पड़ा. एक घटना ने ईरान को हिला दिया. महिलाओं ने बीच सड़क पर अपने अपने हिजाब को जलाना शुरू कर दिया.
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