Iran Row: कौन है ईरान का वो 23 साल का लड़का जिसे दी गई फांसी? सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी!
Iran Hijab Row: पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन के दौरान 25 सितंबर को हिरासत में लिया था. कुछ दिन जेल में रखने के बाद तेहरान की क्रांतिकारी अदालत ने मोहसिन शेखरी को दोषी ठहराया.
Iran Mohsen Shekari Death Penalty: ईरान में हिजाब विवाद को लेकर चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. ईरान की कट्टरपंथी सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. इस सिलसिले में वहां प्रदर्शनकारियों में खौफ पैदा करने के लिए 23 साल के एक युवक मोहसीन शेखरी (Mohsen Shekari) को फांसी दे दी गई.
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी मिजान की ओर से जानकारी दी गई कि आरोपी युवक के खिलाफ तेहरान (Tehran) में एक सड़क को रोकने और सुरक्षा बल के एक जवान पर हमला करने का आरोप सिद्ध हुआ था. इसलिए सरकारी कामकाज में दखलअंदाजी करने के आरोप में युवक को फांसी पर लटका दिया गया.
ईरान की सरकार की ओर से बताया गया कि ऐसे मामलों में ये इस प्रकार की पहली मौत की सजा है. सरकार प्रदर्शनकारियों को हंगामा नहीं करने की अपील करती है. बावजूद इसके अगर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर कर इस तरह से हुड़दंग करते रहेंगे, तो सरकार को मजबूरन ऐसे ही सख्त कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा. दरअसल, ईरान ने युवक को फांसी की सजा देकर प्रदर्शनकर रहे लोगों को सीधी चुनौती देने और उनमें भय पैदा करने की कोशिश की है.
कौन हैं मोहसिन शेखरी जिन्हें दी गई फांसी की सजा?
ईरान में इन दिनों सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. प्रदर्शन कर रहे लोगों में ज्यादातर युवा शामिल हैं. 23 वर्षीय मोहसिन शेखरी भी ईरान में सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में शामिल थे. पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन के दौरान 25 सितंबर को हिरासत में लिया था. कुछ दिन जेल में रखने के बाद तेहरान की क्रांतिकारी अदालत ने मोहसिन शेखरी को दोषी ठहराया. कोर्ट ने एक बंद कमरे में उसके खिलाफ मुकदमा चलाया और विरोध प्रर्दशनों के दौरान सुरक्षा बल पर हमला और एक सैनिक की हत्या करने का आरोप लगाया.
मोहसिन शेखरी के खिलाफ 20 नवंबर को बंद कमरे में हुई कोर्ट की इस कार्रवाई उसे ईरानी कानून के तहत भगवान के खिलाफ युद्ध का दोषी करार दिया गया. इसके बाद उसे गुरुवार (8 नवंबर) को फांसी पर लटका दिया गया.
ईरान में क्यों मचा है बवाल?
दरअसल, ईरान में चल रहे इस विरोध प्रदर्शन के पीछे की वजह 22 वर्षीय युवती की पुलिस हिरासत में मौत है. ईरान की पुलिस ने बीते 16 सितंबर को हिजाब नियमों के उल्लंघन के आरोप में महसा अमीनी (Mahsa Amini) को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत में महसा अमीनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. उसकी मौत के बाद से ईरान में विरोध प्रदर्शनों का एक सिलसिला चल पड़ा. लोग सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा तादाद युवाओं की बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक, 16 सिंतबर को महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरु हुए विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सरकार ने अबतक 18000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है.
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