Iran Hijab Issue: ईरान में हिजाब न पहनने पर पुलिस हिरासत में महिला की मौत का मामला तूल पकड़ गया है. देश में अशांति का माहौल है और कई जगह प्रदर्शन हिंसक होते जा रहे हैं. इस दौरान दीवानदारेह शहर में पांच लोग मारे गए. यह ईरान के कुर्द क्षेत्र का वह हिस्सा है जहां सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
कुर्दिश समूह, हेंगॉ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, ईरान के कुर्द क्षेत्र में सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. प्रदर्शनकारी देशभर में सड़कों पर उतर रहे हैं, खासकर कुर्द क्षेत्र में, जहां 8 मिलियन से 10 मिलियन ईरानी कुर्द हैं.
इस बीच ईरान की महिला प्रदर्शनकारियों ने बाल कटाए और हिजाब जलाए. महिलाएं पर्दे में रहने के कठोर नियम का विरोध कर रही हैं. ईरान की न्यायपालिका ने महिला की मौत की जांच शुरू कर दी है. बता दें कि ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहना अनिवार्य है.
कैसे हुई महसा अमीनी की मौत?
22 साल की महसा अमीनी को हिजाब ना पहनने की वजह से 13 सितंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और पुलिस पिटाई के बाद वो कोमा में चली गई थीं, जिसके तीन दिन बाद महसा अमीनी की मौत हो गई. महसा अमीनी परिवार के साथ तेहरान घूमने गई थीं, लेकिन अंदाजा नहीं था कि हिजाब न पहनने की कीमत जान देकर चुकानी होगी. चश्मदीदों का कहना है कि मंगलवार को हिजाब न पहनने के जुर्म में धार्मिक मामलों की पुलिस ने महसा अमीनी को गिरफ्तार किया, वैन में डाला और बुरी तरह पिटाई की. इसके बाद खबर आई कि उनकी मौत हो गई.
ईरान की पुलिस कर रही आरोपों का खंडन
हालांकि ईरान की पुलिस तमाम आरोपों का खंडन कर रही है. पुलिस का कहना है कि महसा अमीनी (Mahsa Amini) की मौत हार्ट फेलियर से हुई. महसा अमीनी की मौत ने ईरान में मानवाधिकार और महिलाओं की आज़ादी के मुद्दे को एक बार फिर हवा दे दी है. दुनिया भर में हो रही आलोचना से लगता है कि ईरान सरकार को भी मामले की गंभीरता का अंदाज़ा करा दिया है. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) ने गृह मंत्रालय को महसा अमीनी की मौत की जांच के आदेश दे दिए हैं.
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