Iran Iraq Relations: दुनिया के दो बड़े इस्लामिक मुल्क ईरान और सऊदी अरब अपनी बरसों की दुश्मनी को भुलाकर अपने राजयनयिक रिश्तों को बहाल कर रहे हैं. दोनों एक-दूजे के यहां जल्द एंबेसी खोलेंगे. उनके आपसी समझौते को दुनिया में शांति-स्थापित करने की दिशा में एक बड़ी कामयाब कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. इस बीच ईरान ने एक और इस्लामिक मुल्क से सुरक्षा-सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (SNSC) के सचिव अली शामखानी बीते रोज (रविवार, 19 मार्च को) इराक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कासिम अल-अराजी से मिले, जहां दोनों ने बगदाद में सुरक्षा सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. वहीं, एक समारोह में इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी ने भी भाग लिया.
ईरान की न्यूज एजेंसी IRNA की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके यहां की हुकूमत ने ईरानी हुकूमत के साथ आपसी सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत करने के लिए सुरक्षा-सहयोग समझौता किया है. पिछले महीनों तैयार किए गए इस समझौते में अर्ध-स्वायत्त कुर्दिस्तान क्षेत्र में स्थित ईरान-विरोधी समूहों द्वारा शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों से उत्पन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका होगी. SNSC के चीफ के हवाले से कहा गया कि दोनों मुल्कों की साझी सीमा से सटे क्षेत्रों में कोई भी तनाव और संकट उनकी सुरक्षा-शांति व्यवस्था को कमजोर करेगा और दोनों के सीमावर्ती शहरों के विकास में बाधा बनेगा. ऐसे में ये दोनों मुल्क सुरक्षा-सहयोग समझौता किए हैं. इसके तहत आंतरिक या बाहरी तनाव पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया जाएगा.
'सैन्य और खुफिया खतरों को दूर किया जाना चाहिए'
SNSC के चीफ ने कहा कि ईरान विरोधी सशस्त्र समूहों और भाड़े के सैनिकों के साथ-साथ इराक में स्थित अमेरिकी बलों द्वारा पैदा किए गए सैन्य और खुफिया खतरों को दूर करने की जरूरत है. वहीं, इराक की हुकूमत ने आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की बात कही. इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी ने कहा, इराक की हुकूमत और आवाम हमेशा अपने ईरानी भाइयों के समर्थन और सहायता की सराहना करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि बगदाद और तेहरान के बीच समझौते पर हस्ताक्षर ने संकेत दिया है कि ईरानी और इराकी अधिकारी दोनों मुल्कों को एकजुट रखेंगे.
'इराक अपनी जमीन को ईरान के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने देगा'
इराक के प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी हुकूमत किसी भी पक्ष को ईरान की सुरक्षा से समझौता करने के लिए अपनी जमीन का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगी. बता दें कि ईरान और ईरान की सीमाएं एक-दूजे से लगती हैं. दोनों के बीच एक समय कड़वाहट इतनी ज्यादा हो गई थी कि उनकी हुकूमत एक-दूजे को फूटी आंख नहीं सुहाती थी. हालांकि, अब इन दोनों के बीच संबंध गाढ़े हो रहे हैं.
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