Tension in Middle East and America: इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध और इसमें ईरान के बार-बार कूदने से मध्य एशिया में लगातार तनाव बढ़ रहा है. पिछले महीने में ईरान की राजधानी तेहरान में फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद यह तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है. अपने देश में हुई इस हत्या के बाद ईरान ने इजरायल से बदला लेने की धमकी दी थी.
बताया जा रहा है कि इस हमले के लिए ईरान सही समय का इंतजार कर रहा था और अब वह इस हफ्ते कभी भी इजरायल पर अटैक कर सकता है. इमिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को देखते हुए अब अमेरिका ने मध्य पूर्व में इजरायल की तरफ विमान वाहक स्ट्राइक समूह और एक निर्देशित मिसाइल पनडुब्बी भेजी है. यह पनडुब्बी तब भेजी गई है, जब राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "हमें बड़े पैमाने पर होने वाले हमलों के लिए तैयार रहना होगा.
अमेरिका ने कहा, सहयोगियों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाएंगे
वहीं अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगी की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा. यही नहीं, व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडन ने बढ़ते तनाव पर चर्चा के लिए सोमवार को फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन के नेताओं के साथ चर्चा भी की है.
ईरान के हमले की आशंका के बीच कई देशों ने रद्द की उड़ानें
वहीं ईरान के हमले की आशंका के बीच अलग-अलग देशों की कई एयरलाइंस कंपनियों ने इजरायल जाने वाली अपनी फ्लाइट को रद्द कर दिया है. जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा ने सोमवार को कहा कि वह अपने मौजूदा सुरक्षा विश्लेषण के आधार पर 21 अगस्त तक इज़रायल में तेल अवीव, लेबनान की राजधानी बेरूत, जॉर्डन की राजधानी अम्मान, इराक में एरबिल और ईरान की राजधानी तेहरान के लिए उड़ानें निलंबित कर रही है. स्विस एयर ने भी इसी अवधि के दौरान तेल अवीव और बेरूत की यात्रा करने वाली अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं. एएफपी समाचार एजेंसी के अनुसार, एयर फ्रांस ने बेरूत के लिए अपनी उड़ानों के निलंबन को और आगे बढ़ा दिया है. एयरबाल्टिक और ईज़ीजेट सहित अन्य एयरलाइंस कंपनियों ने पहले ही कहा था कि वे इस क्षेत्र के लिए उड़ानें निलंबित कर रही हैं.
हमास और इजरायल के बीच नहीं हो पा रही वार्ता
भले ही अमेरिका इजरायल और हमास के बीच वार्ता कराने की कोशिश कर रहा है लेकिन इसके सफल होने की उम्मीद बहुत कम है. इससे पहले भी बातचीत की कई कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं. वाशिंगटन ने पहले वार्ता की विफलता के लिए हमास को दोषी ठहराया है, लेकिन इजरायली प्रेस रिपोर्टों में कहा गया है कि अमेरिका इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को आंशिक रूप से जिम्मेदार मानता है, क्योंकि उन पर अपने गठबंधन के दूर-दराज़ सदस्यों को खुश करने का आरोप है जो समझौते का विरोध करते हैं.
बता दें कि पिछले हफ्ते पहली बार व्हाइट हाउस ने इन गठबंधन नेताओं में से एक, वित्त मंत्री बेज़ेल स्मोट्रिच की खुले तौर पर आलोचना की थी. स्मोट्रिच ने इजरायल से युद्ध विराम वार्ता के लिए अमेरिकी प्रयास को अस्वीकार करने का आग्रह किया था, उन्होंने कहा कि यह हमास के सामने आत्मसमर्पण होगा. वहीं व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि स्मोट्रिच पूरी तरह से गलत थे.
यूके, फ्रांस और जर्मनी ने भी शुरू की कोशिश
यूके के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने अपने बयान में कहा है कि हम इस बात से सहमत हैं कि युद्धविराम वार्ता में अब और देरी नहीं की जा सकती. हम तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए सभी पक्षों के साथ काम कर रहे हैं और तनाव को कम करने और स्थिरता का रास्ता खोजने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
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